हनुमान जी के जन्मोत्सव पर करें उन्हें प्रसन्न और पाएं मुंह मांगा वर

Update: 2022-10-23 08:37 GMT
वाल्मीकि जी द्वारा लिखित रामायण के अनुसार हनुमान जी का जन्म स्वाति नक्षत्र दिन मंगलवार कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि पर हुआ था।
इसी कारण से हर वर्ष कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि पर हनुमान जयंती मनाई जाती है। हनुमान जी के बल, बुद्धि और उनकी शक्ति के बारे में हम सब भली-भांति परिचित हैं। इस पावन दिन पर हनुमान जी का वंदन व पूजन करने से उनकी विशेष कृपा मिलती है। हनुमान जी को मंगल मूर्ति कहा गया है। जिस घर अथवा स्थान में हनुमान जी का वास होता है या उन्हें याद किया जाता है एवं उनका पूजन-वंदन होता है, उस जगह पर उस स्थान पर कभी भी अमंगल नहीं हो सकता। हनुमान जी के भक्तों पर क्रूर ग्रहों की दृष्टि भी अपना बुरा प्रभाव नहीं डाल सकती। हनुमान जी का सिमरन करने वाले व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति व सफलता बनी रहती है।
कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि का खास महत्व है। इस दिन यमदेव भगवान कृष्ण, मां काली, विष्णु जी के वामन अवतार और हनुमान जी इन सब का पूजन किया जाता है परंतु हनुमान जी का जन्मोत्सव होने के कारण इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस बार हनुमान जयंती 23 अक्टूबर को और 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी। कारण यह कि चतुर्थी तिथि 23 अक्टूबर को संध्याकाल 6:30 पर प्रारंभ होगी और अगले दिन 5:37 तक रहेगी उदया तिथि के अनुसार 24 तारीख को ही हनुमान जयंती मनाई जाएगी।
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Hanuman Jayanti 2022 Upay: हनुमान जयंती के दिन लड्डुओं का भोग हनुमान जी को लगाने के पश्चात छोटे-छोटे बालकों में बांटें, मंगल का प्रभाव आप को अति शुभ परिणाम देगा।
विवाह संबंधी कष्ट आ रहे हैं तो गाय के शुद्ध देसी घी में सिंदूर भिगोकर गेंदे के पुष्प से हनुमान जी के चरणों में लगाएं। ऐसा करने से विवाह में चल रही परेशानियां, मंगल दोष और विवाह में हो रही देरी इन सब से राहत मिलेगी।
हनुमान जयंती के दिन वानरों को भोग लगाने से विशेष लाभ मिलता है। गुड़ चने का दान अवश्य करें।
हनुमान चालीसा का जाप करने से मनोकामना पूर्ण होती है।
हनुमान जयंती के दिन बजरंग बाण का पाठ करने से कोर्ट-कचहरी और शत्रुओं से मुक्ति मिलती है व मनचाही सफलता प्राप्त होती है।
शाम के समय इस हनुमान मंत्र का जाप कम से कम 1 माला अवश्य करें।
मंत्र: ॐ हं हनुमंते नम का 108 बार जाप करें।
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