Pitru Paksha ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में वैसे तो हर दिन का महत्व होता है लेकिन पितृपक्ष के दिनों को खास बताया गया है जो कि पूरे 15 दिनों की अवधि होती है ये अवधि पितरों यानी पूर्वजों को समर्पित की गई है जिसमें लोग अपने मृत परिजनों व पूर्वजों को भोजन, तर्पण आदि कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। मान्यताओं के अनुसार पितृपक्ष के दिनों में पूर्वज पितृलोक से धरती पर आते हैं और अपने वंशजों से श्राद्ध , तर्पण की उम्मीद करते हैं।
पितृपक्ष के दिनों को पूर्वजों की कृपा प्राप्त का उत्तम समय बताया गया है। मान्यता है कि इन 15 दिनों में जो लोग पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण व पिंडदान आदि कार्य करता है उन्हें पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है। ज्योतिष अनुसार अगर किसी जातक की कुंडली में पितृदोष व्याप्त है जिसके कारण उसे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो ऐसे में जातक पितृपक्ष के दिनों में कुछ उपायों को करके वह छुटकारा पा सकता है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा पितृपक्ष की तिथि व अन्य जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
जानें कब से शुरु हो रहे पितृपक्ष—
हिंदू पंचांग के अनुसार पितृपक्ष की शुरुआत भाद्रपद पूर्णिमा से होने जा रही है और यह आश्विन माह की अमावस्या तिथि तक रहेगी। ऐसे में इस बार पितृपक्ष 17 सितंबर से आरंभ हो रहे हैं जो कि 2 अक्टूबर तक रहने वाले हैं
इस दौरान लोग अपने पितरों के निमित्त आश्विन कृष्ण पक्ष में तर्पण और श्राद्ध कर्म करते हैं पितृपक्ष के दिनों को श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है। पितृपक्ष के दिनों में किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है इस दौरान शादी विवाह, मुंडन, व नए कार्य की शुरुआत करना अच्छा नहीं माना जाता है।