धर्म अध्यात्म: सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी त्योहार के रूप में मनाया जाता है. इस दिन नाग देवता की खास पूजा होती है. इस पूजा में नाग देवता को दुध अर्पित किया जाता है. इस विशेष दिन पर महिलाएं अपने भाइयों तथा परिवार की सुरक्षा के लिये नाग देवता से प्रार्थना करती हैं. वही इस बार नाग पंचमी 21 अगस्त को है. ऐसे में नाग पंचमी पर इस आरती से नाग देवता की पूजा....
श्री नाग देव आरती:-
आरती कीजे श्री नाग देवता की ,भूमि का भार वहनकर्ता की।
उग्र रूप है तुम्हारा देवा भक्त,सभी करते है सेवा।।
मनोकामना पूरण करते ,तन-मन से जो सेवा करते।
आरती कीजे श्री नाग देवता की ,भूमि का भार वहनकर्ता की।।
भक्तो के संकट हारी की आरती कीजे श्री नागदेवता की।
आरती कीजे श्री नाग देवता की ,भूमि का भार वहनकर्ता की।।
महादेव के गले की शोभा ग्राम देवता मै है ।
पूजा श्ररेत वर्ण है तुम्हारी धव्जा।।
दास ऊकार पर रहती क्रपा सहसत्रफनधारी की।
आरती कीजे श्री नाग देवता की ,भूमि का भार वहनकर्ता की।।
आरती कीजे श्री नाग देवता की ,भूमि का भार वहनकर्ता की।
||ॐ हँ जू स: श्री नागदेवतायेनमोनम:||
||ॐ श्री भीलट देवाय नम:||