13 जनवरी 2022 को है पौष पुत्रदा एकादशी, नोट कर लें सभी तारीख

पंचांग के मुताबिक हर महीने की 11वीं तिथि एकादशी कहलाती है. शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष महीने में दो एकादशी पड़ती है. साथ ही पूर्णिमा के पड़ने वाली एकादशी कृष्ण पक्ष की एकादशी कही जाती है. जबकि अमावस्या के तुरंत बाद पड़ने वाली एकादशी को शुक्ल पक्ष की एकादशी कही जाती है.

Update: 2021-12-21 18:32 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Ekadashi 2022: पंचांग के मुताबिक हर महीने की 11वीं तिथि एकादशी कहलाती है. शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष महीने में दो एकादशी पड़ती है. साथ ही पूर्णिमा के पड़ने वाली एकादशी कृष्ण पक्ष की एकादशी कही जाती है. जबकि अमावस्या के तुरंत बाद पड़ने वाली एकादशी को शुक्ल पक्ष की एकादशी कही जाती है. दोनों पक्षों की एकादशी का विशेष धार्मिक महत्व है. पुराणों में एकादशी को 'हरि वासर' का भी नाम दिया गया है. 2022 में एकादशी (Ekadashi 2022) कब-कब पड़ने वाली है इसे जानते हैं.

2022 में एकादशी की तिथियां (Ekadashi Dates in2022)
13 जनवरी-गुरुवार, पौष- पुत्रदा एकादशी
28 जनवरी- शुक्रवार, षटतिला एकादशी
12 फरवरी-शनिवार, जया एकादशी
27 फरवरी-रविवार, विजया एकादशी
14 मार्च-सोमवार, आमलकी एकादशी
28 मार्च-सोमवार, पापमोचिनी एकादशी
12 अप्रैल- मंगलवार, कामदा एकादशी
26 अप्रैल- मंगलवार, वरुथिनी एकादशी
12 मई- गुरुवार, मोहिनी एकादशी
26 मई-गुरुवार, अपरा एकादशी
11 जून-शनिवार, निर्जला एकादशी
24 जून-शुक्रवार, योगिनी एकादशी
10 जुलाई- रविवार, देवशयनी एकादशी
24 जुलाई- रविवार, कामिका एकादशी
08 अगस्त- सोमवार, श्रावण पुत्रदा एकादशी
23 अगस्त- मंगलवार, अजा एकादशी
06 सितंबर- मंगलवार, परिवर्तिनी एकादशी
21 सितंबर- बुधवार, इन्दिरा एकादशी
06 अक्तूबर- गुरुवार, पापांकुशा एकादशी
21 अक्तूबर- शुक्रवार, रमा एकादशी
04 नवंबर- शुक्रवार, देवोत्थान एकादशी
20 नवंबर- रविवार, उत्पन्ना एकादशी
03 दिसंबर- शनिवार, मोक्षदा एकादशी
19 दिसंबर- सोमवार, सफला एकादशी
एकादशी व्रत का महत्व (Ekadashi Vrat Importance)
शास्त्रों में एकादशी व्रत को विशेष महत्व दिया गया है. मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से पितरों को स्वर्ग मिलता है. वहीं स्कन्द पुराण के मुताबिक इस व्रत के दौरान व्रती को धान, मसाले और सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए. इस व्रत को करने वाले एक दिन पहले यानि कि दशमी को ही इस व्रत की प्रक्रिया शुरू कर देते हैं. इस दिन व्रती सुबह सवेरे स्नान कर लेते हैं. एकादशी के दिन व्रती बिना नमक से तैयार भोजन करते हैं. इसके अलावा इस व्रत के दौरान भात खाना भी निषेध है.


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