Palmistry: हथेली पर ये चीजें करते हैं रेखाओं को कमजोर

Update: 2024-07-23 16:29 GMT
Palmistry हस्त रेखा विज्ञान: क्या आप जानते हैं कि हस्तरेखाओं के रूप में हमारे जीवन की सम्पूर्ण गाथा हमारे हाथों पर लिखी हुई है। जन्म से मृत्यु तक जीवन यात्रा के साथ होने वाली घटनाओं के संकेत स्पष्ट रूप से हाथ की रेखाओं में अंकित होते हैं। उसकी रेखाएं उसमें निहित राशियां तथा नक्षत्र हथेली का आकार-प्रकार भविष्य का द्योतक है क्योंकि हस्तरेखाएं आकाशीय नक्षत्र ग्रह समूहों का मानचित्र है।
विधाता ने हमारे हाथों में अनेक चेतावनियां तथा संकेत अंकित किए हैं जिनको समझकर जीवन से संबंधित सभी प्रश्नों व जिज्ञासाओं को आसानी से जाना जा सकता है। हथेली पर अथवा किसी रेखा पर धब्बा होने से हस्तरेखाशास्त्र के अनुसार वह कमजोर पड़ जाती हैं और उसका विकास 
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हो जाता है। एक से अधिक धब्बे स्वास्थ्य कष्ट की ओर संकेत देते हैं।
जब पूरा हाथ ही छोटी-छोटी रेखाओं के जाल से भरा हो तो इससे अत्यधिक संवेदनशील स्नायु प्रणाली आमतौर पर बहुत अधिक मानसिक चिंताएं और निर्णय लेने की अक्षमता का संकेत मिलता है।
दीप सदैव अशुभ होते हैं और जिस रेखा अथवा पर्वत पर दिखाई पड़ते हैं उसकी दुर्बलता अथवा निरर्थकता का संकेत देते हैं।
बहुत सी शाखाओं युक्त रेखाओं का होना अच्छा संकेत नहीं माना जाता। ये रेखा से मिलने वाले संकेतों को क्षीण कर देती हैं। जीवनरेखा के अंत में द्वीप के होने से संपूर्ण स्नायु ऊर्जा के नष्ट होने का पूर्वाभास मिलता है। लहरदार रेखाएं अनिश्चितता, निर्णय लेने में अक्षमता और बल की कमी का संकेत देती हैं। टूटी हुई रेखाएं उस स्थान विशेष पर जहां वे टूटी हों, रेखा के अभिप्राय को ही नष्ट कर देती हैं। परन्तु यदि रेखा के सिरे एक दूसरे के ऊपर हों तो ये दरार इतनी अधिक अशुभ नहीं होती और रेखा की गुणवत्ता बनी रहती है।
बोलती हैं हाथ की रेखाएं
हथेली का अध्ययन करते समय कुछ महत्वपूर्ण सूत्रों को अवश्य ध्यान रखना चाहिए जो कि इस प्रकार हैं...
हाथ में किसी स्पष्ट रेखा का चलते-चलते एकदम रुक जाना दुर्घटना का सूचक होता है।
रेखा के मार्ग में वर्ग हो तो यह शुभ है। परन्तु मार्ग में द्वीप शुभफलदायक नहीं होते हैं। रेखा पर बिन्दु हानिकारक होते हैं।
किसी रेखा पर, त्रिकोण चिन्ह का होना रेखा से सम्बन्धित फल की शीघ्र प्राप्ति का सूचक होता है।
बहुत सूक्ष्म व कमजोर रेखा भी अपना फल देने में सक्षम नहीं होती है।
हथेली पर जंजीरदार रेखा अशुभ मानी गई है। लहरदार रेखाएं भी शुभ फल नहीं देती हैं।
रेखाएं स्पष्ट सुन्दर लालिमा लिए निर्दोष हों तो शुभ होती हैं तथा व्यक्ति की प्रसन्न व स्वस्थ मनोवृत्ति की सूचक होती हैं।
यदि किसी जातक के हाथ की रेखाएं काली या नीली हो तो वह कपटी, दुखी एवं ढोंगी होता है।
फीकी एवं रूखापन लिए हुए रेखाएं साहसी परन्तु आर्थिक दृष्टि से कमजोर होना दर्शाती है। जबकि हाथ में गहरे लाल रंग की रेखाएं दानी प्रवृत्ति की सूचक होती हैं।
शहद जैसे रंग की रेखाएं सुखमय जीवन का संकेत देती हैं।
इसी प्रकार कुछ लोगों के हाथ में त्रिशूल का निशान, रेखाओं द्वारा मंदिर की आकृति, मछली की आकृति आदि देखी जाती है जिनका विशेष फलादेश हस्तरेखा विद्वानों ने बताया है। विद्वान ज्योतिषी birth chart में स्थित ग्रह नक्षत्रों का तालमेल हस्तरेखा से करके फलादेश करता है तो भविष्यवाणी सौ प्रतिशत सटीक होती है।
प्राचीन लाल किताब में हस्तरेखा के आधार पर जन्मकुण्डली बनाने की पद्धति का विवरण प्राप्त होता है जिसका उपयोग करने से फलादेश में और अधिक स्पष्टता आती है ताथ लाल किताब का उपयोग कर अनिष्ट ग्रहों की पीड़ा का निवारण सरल उपायों द्वारा किया जा सकता है।
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