जीवन में जो समय की कीमत समझने वाला रचता है इतिहास

वह अभी तक नहीं पहुंचे थे

Update: 2023-06-05 18:59 GMT

Learn Time Management from Mahatma Gandhi: यह घटना उस समय की है जब स्वतंत्रता आंदोलन जोर पकड़ चुका था। गांधी जी घूमकर या सभा बुलाकर लोगों को स्वराज और अहिंसा का संदेश देते थे। एक बार उन्हें एक सभा में उपस्थित होने का आमंत्रण मिला। सभा को संचालित एक स्थानीय नेता को करना था। गांधी जी समय के बहुत पाबंद थे। वह निर्धारित समय पर सभा स्थल पर पहुंच गए। उन्होंने देखा सभा स्थल पर सभी लोग पहुंच गए हैं, लेकिन जिस नेता को सभा का संचालन करना था, वह अभी तक नहीं पहुंचे थे।

वह पूरे पैंतालीस मिनट पश्चात सभा स्थल पर पहुंचे। उन्होंने देखा कि उनकी अनुपस्थिति में ही सभा आरंभ हो चुकी है। उन्होंने आयोजकों से पूछा कि उनके बिना सभा कैसे प्रारंभ हुई ? आयोजकों ने कोई जवाब नहीं दिया।

गांधी जी नेता के हाव-भाव से उनकी बातें समझ गए। गांधी जी मंच पर आए और नेता जी की ओर देखते हुए बोले, ‘‘माफ कीजिए, लेकिन जिस देश के अग्रिम पंक्ति के नेता ही महत्वपूर्ण सभा में पैंतालीस मिनट देर से पहुंचेंगे, वहां पर स्वराज भी उतनी ही देर से आएगा। नेता के इंतजार में काम आरंभ नहीं हो सकता था, इसलिए मैंने सभा शुरू करा दी, क्योंकि मुझे डर था कि आपके देर से आने की आदत धीरे-धीरे अन्य लोगों को न लग जाए। ’’ गांधी जी की बात सुनकर नेताजी जी को शर्मिंदगी हुई। उसी क्षण उन्होंने यह गलती दोबारा न करने का संकल्प लिया।

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