किस तारीख को है आषाढ़ अमावस्या

Update: 2023-06-15 15:03 GMT
हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है. पंचांग के अनुसार, हर माह के कृष्ण पक्ष का आखिरी दिन अमावस्या कहलाता है. आपको बता दें कि कृष्ण पक्ष की चौदहवीं तिथि के बाद चंद्रमा, सूर्य मंडल में प्रवेश करता है और सूर्य अमा नाम की किरण में रहता है, इसलिए ये तिथि (ashadha amavasya 2023 date and time) अमावस्या कहलाती है. ये शनि देव की जन्म तिथि है. इस दिन स्नान, दान, पितरों के निमित्त तर्पण करने से जीवन में बहुत सारे लाभ होते हैं. इस साल आषाढ़ अमावस्या (Ashadha Amavasya 2023) की डेट (ashadha amavasya 2023 date) को लेकर लोगों में संशय की स्तिथि बनी हुई है. तो चलिए जानते हैं आषाढ़ अमावस्या की सही तारीख, स्नाना-दान मुहूर्त और महत्व के बारे में.
पंचांग के अनुसार, 17 जून 2023 को सुबह 09 बजकर 13 मिनट पर अमावस्या शुरू होगी और अगले दिन 18 जून 2023 को सुबह 10 बजकर 08 मिनट पर खत्म होगी. आपको बता दें कि अमावस्या पर सूर्योदय से पूर्व स्नान करने की परंपरा है. ऐसे में 18 जून को अमावस्या स्नान किया जाएगा. वहीं शास्त्रों के अनुसार अमावस्या का संबंध चंद्र के साथ साथ सूर्य से भी माना गया है. इस तिथि पर सूर्य और चंद्र एक साथ एक ही राशि में स्थित होते है. ये संयोग 18 जून को मिल रहा है. इस दिन सूर्य और चंद्रमा मिथुन राशि में साथ होंगे.
आषाढ़ अमावस्या 2023 मुहूर्त (Ashadha Amavasya 2023 Muhurat)
स्नान समय – सुबह 04.03 – सुबह 04.43
अभिजित मुहूर्त – सुबह 11.54 – दोपहर 12.50
आषाढ़ अमावस्या का महत्व
हिंदू धर्म में आषाढ़ अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है. अमावस्या तिथि पर कई लोग अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध कर्म करते हैं. इस दिन पितृ तर्पण, नदी स्नान और दान-पुण्य आदि करना बहुत ही फलदायी माना जाता है. इतना ही नहीं यह तिथि पितृ दोष से मुक्ति दिलाने में काफी सहायक मानी गई है. अत: पितृ कर्म के लिए यह तिथि बेहद शुभ मानी जाती है. इस दिन विधि विधान से पूजन के साथ साथ स्नान और दान करने से जीवन से कष्ट दूर होते हैं और खुशहाली का आगमन होता है.
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