बुधवार को करें इन मंत्रों का जाप, बदल जाएगी आपकी किस्मत

बुधवार का दिन भगवान गणेश की पूजा-अराधना के लिए खास माना जाता है। सनातन धर्म में गणेश जी प्रारंभ के देवता माने जाते हैं। गणेश जी विघ्न को दूर करके मंगल करने वाले देवता हैं।

Update: 2022-06-08 03:09 GMT

बुधवार का दिन भगवान गणेश की पूजा-अराधना के लिए खास माना जाता है। सनातन धर्म में गणेश जी प्रारंभ के देवता माने जाते हैं। गणेश जी विघ्न को दूर करके मंगल करने वाले देवता हैं। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत विध्नहर्ता गणेश की पूजा से ही होती है। इसलिए प्रत्येक बुधवार को विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि श्रद्धापूर्वक इस दिन गणेशजी के निमित्त व्रत और पूजा करने से भक्तों के सारे संकट दूर हो जाते हैं एवं गणेश जी भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। शिव-गौरी नंदन भगवान गणेश की पूजा के दौरान कई प्रकार के मंत्रों का जाप किया जाता है, जिससे भक्तों की सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यदि आप भी बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा करते हैं इन मंत्रों का जाप जरूर करें। मान्यता है कि इन मंत्रों में से किसी भी एक मंत्र का जाप करेंगे तो आपको मनचाहा वर मिलेगा। आइए जनते हैं उन मंत्रों के बारे में....

बुधवार को करें इन मंत्रों का जाप, विघ्नहर्ता गणेश की कृपा से बदल जाएगी किस्मत

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान गणेश को सिंदूर बेहद पसंद है। ऐसे में उन्हें सिंदूर चढ़ाते समय नीचे दिए मंत्र का जाप करें।

'सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्

शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्॥ ओम गं गणपतये नमः'

बुधवार को करें इन मंत्रों का जाप, विघ्नहर्ता गणेश की कृपा से बदल जाएगी किस्मत

पूजा के दौरान गणेश जी को चावल चढ़ाते समय नीचे दिए गए मंत्र को बोलें और तीन बार चावल चढ़ाएं।

'इदं अक्षतम् ऊं गं गणपतये नमः'

बुधवार को करें इन मंत्रों का जाप, विघ्नहर्ता गणेश की कृपा से बदल जाएगी किस्मत

शक्तिविनायक मंत्र

ऊं ह्रीं ग्रीं ह्रीं

बुधवार को करें इन मंत्रों का जाप, विघ्नहर्ता गणेश की कृपा से बदल जाएगी किस्मत

गणेश मूल मंत्र

ऊं श्रीं ह्रीं क्लें ग्लौम गं गणपतये वर वरद सर्वजन जनमय वाशमनये स्वाहा तत्पुरुषाय विद्महे वक्रतुंडाय धिमहि तन्नो दंति प्रचोदयत ओम शांति शांति शांतिः

मंत्रों का भी कर सकते हैं जाप

1- ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।

2- ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।

ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति करो दूर क्लेश।

3- ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।

4- सुमुखश्च एकदंतश्च कपिलो गजकर्णक:

लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो विनायक:

धुम्रकेतुर गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजानन:

द्वादशैतानि नामानि य: पठेचशृणुयादपि ..

5- 'ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा'


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