आज के दिन जैन समुदाय के लोग रोहिणी व्रत करते हैं...जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

आज के दिन जैन समुदाय के लोग रोहिणी व्रत करते हैं। इस व्रत महत्व जैन समुदाय के लिए अत्याधिक माना गया है।

Update: 2021-04-16 03:09 GMT

आज के दिन जैन समुदाय के लोग रोहिणी व्रत करते हैं। इस व्रत महत्व जैन समुदाय के लिए अत्याधिक माना गया है। यह व्रत रोहिणी नक्षत्र के दिन किया जाता है। यही कारण है कि इसे रोहिणी व्रत कहा जाता है। व्रत के पारण की बात करें तो यह तब किया जाता है जब रोहिणी नक्षत्र के समाप्त होता है और मार्गशीर्ष नक्षत्र आता है। हर वर्ष 12 रोहिणी व्रत आते हैं। मान्यता है कि इस व्रत का पालन 3, 5 या 7 वर्षों तक लगातार किया जाता है। अगर उचित अवधि की बात करें तो यह 5 वर्ष और 5 महीने है। इस व्रत का समापन उद्यापन द्वारा ही किया जाता है। यह व्रत पुरुष और स्त्रियां दोनों कर सकते हैं। हालांकि, स्त्रियों के लिए यह व्रत अनिवार्य माना गया है। आइए जानते हैं रोहिणी व्रत का शुभ मुहूर्त।


रोहिणी व्रत का शुभ मुहूर्त:

नक्षत्र: रोहिणी- रात 11 बजकर 40 मिनट तक

राहुकाल: सुबह 10 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक

अभिजित मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक

रोहिणी व्रत पूजा विधि:

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाना चाहिए और घर की साफ सफाई भी अच्छे से कर लेनी चाहिए। इसके बाद सभी नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नानादि कर घर की साफ-सफाई करनी चाहिए। गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान करें और फिर व्रत का संकल्प लें। फिर आमचन कर अपने आप को शुद्ध करें। इसके बाद सबसे पहले सूर्य भगवान को जल का अर्घ्य दें। इस व्रत के दौरान जैन धर्म में रात का भोजन करने की मनाही होती है। ऐसे में इस व्रत को अगर आप कर रहे हैं तो आपको फलाहार सूर्यास्त से पूर्व कर लेना चाहिए।


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