Religion Desk धर्म डेस्क : सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह दिन भगवान शंकर की पूजा-अर्चना को समर्पित है। माना जाता है कि प्रदोष (Pradosh Vrat 2024) के दिन व्रत और पूजा करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। आप पर शिव-पार्वती की कृपा भी बनी रहेगी। वैदिक पंचांग के अनुसार यह प्रदोष व्रत 29 सितंबर दिन रविवार को मनाया जाएगा।
वहीं इस अवसर पर "गौरी चालीसा" का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है और जो लोग भगवान शिव से विशेष आशीर्वाद चाहते हैं उन्हें इस अवसर पर गौरी चालीसा का जाप अवश्य करना चाहिए।
।।चौपाई।।
मन मंदिर मेरे आन बसो,
आरम्भ करूं गुणगान,
गौरी माँ मातेश्वरी,
दो चरणों का ध्यान।
पूजन विधि न जानती,
पर श्रद्धा है अपार,
प्रणाम मेरा स्वीकारिये,
हे माँ प्राण आधार।
नमो नमो हे गौरी माता,
आप हो मेरी भाग्य विधाता,
शरणागत न कभी घबराता,
गौरी उमा शंकरी माता।
आपका प्रिय है आदर पाता,
जय हो कार्तिकेय गणेश की माता,
महादेव गणपति संग आओ,
मेरे सकल क्लेश मिटाओ।
सार्थक हो जाए जग में जीना,
सत्कर्मो से कभी हटूं ना,
सकल मनोरथ पूर्ण कीजो,
सुख सुविधा वरदान में दीज्यो।
हे माँ भाग्य रेखा जगा दो,
मन भावन सुयोग मिला दो,
मन को भाए वो वर चाहूं,
ससुराल पक्ष का स्नेहा मैं पायु।
परम आराध्या आप हो मेरी,
फ़िर क्यों वर में इतनी देरी,
हमरे काज सम्पूर्ण कीजियो,
थोडे़ में बरकत भर दीजियो।
अपनी दया बनाए रखना,
भक्ति भाव जगाये रखना,
गौरी माता अनसन रहना,
कभी न खोयूं मन का चैना।
देव मुनि सब शीश नवाते,
सुख सुविधा को वर मैं पाते,
श्रद्धा भाव जो ले कर आया,
बिन मांगे भी सब कुछ पाया।
हर संकट से उसे उबारा,
आगे बढ़ के दिया सहारा,
जब भी माँ आप स्नेह दिखलावे,
निराश मन में आस जगावे।
शिव भी आपका काहा ना टाले,
दया दृष्टि हम पे डाले,