नाग पंचमी : नाग पंचमी पर आज देश के कई भागों में भगवान शिव के साथ श्रद्धालु नाग देवता की भी पूजा कर रहे हैं। नागों की पूजा नागपंचमी पर क्यों होती है और नागों का जन्म कैसा होता है। नाग कैसे जगहरीले बन जाते हैं। जानिए नागों का तमाम रहस्य नागपंचमी के अवसर पर। नागपंचमी पर जानिए नागों के जहर का रहस्य, कैसे जन्म लेते ही नाग बन जाते हैं जहरीले अपना यह राशिफल हर दिन ईमेल पर पाने के लिए
आज देश के कई भागों में नागपंचमी का पर्व मनाया जा रहा है। नागपंचमी नागदेवता को समर्पित पर्व है जिसका जिक्र भविष्य पुराण के पंचमी कल्प में हुआ है। कहा जाता है कि सावन शुक्ल पंचमी तिथि को नागों को आस्तिक मुनि ने जनमेजय के नाग यज्ञ से बचाया था। इसी दिन आस्तिक मुनि को नागों ने वचन दिया था कि जो भी व्यक्ति सावन शुक्ल पंचमी तिथि को नागों की पूजा करेगा और नागों को दूध, धान का लावा अर्पित करेगा और आस्तिक मुनि का ध्यान करेगा उसे और उसके परिवार वालों को नागों के डंसने का भय नहीं रहेगा। इस तरह से हर साल सावन शुक्ल पंचमी तिथि को नागों की पूजा की परंपरा का आरंभ हुआ है। आइए जानते हैं नागों के बार में कुछ बेहद रोचक बातें, कैसे नाग जन्म लेते हैं। नाग कैसे विष धारण करते हैं और नागों के काटने से कब और कैसे चली जाती है लोगों को जान।
नागपंचमी पर नाग पूजा का लाभ एक आंकड़े के मुताबिक हर साल करीब 64 हजार लोगों की मृत्यु सांप काटने से होती है। भविष्य पुराण की मानें तो सांप का काटना अकाल मृत्यु की श्रेणी में आता है और जिन लोगों की मृत्यु सांप काटने से होती है वह अगले जन्म में विषहीन सांप बनते हैं। इसलिए नागपंचमी दिन नागों की पूजा भी करनी चाहिए और अगर परिवार में किसी व्यक्ति की मृत्यु सर्पदंश से हुई है तो इनका तर्पण श्राद्ध जरूर करना चाहिए इससे उन्हें सर्पयोनि से जल्दी मुक्ति मिल जाती है। नाग का जन्म और जहर नागों के जन्म के बारे में भविष्य पुराण में बताया गया है कि नागिन ज्येष्ठ और आषाढ के महीने में गर्भधारण करती है और फिर कार्तिक के महीने में अंडे देती है। नागिन एक बार में 240 अंडे तक देती है लेकिन इनमें से कुछ ही अंडे से नाग का जन्म हो पाता है क्योंकि नागिन इन्हें खुद ही खाना शुरू कर देती है। अंडे से जो नाग निकल आते हैं उनका रंग 7 दिनों में पहले काला होता है इतने ही दिनों में नाग के दांत भी निकल आते हैं। और फिर जन्म के 21 दिनों में सांप के अंदर प्राणघातक जहर भर जाता है। जो नाग समय से पहले अंडे से निकल आते हैं उनमें जहर अपेक्षाकृत कम होता है।
सांप के जहरीले दांतों का रहस्य सांप के काट लेने पर यर जरूरी नहीं कि आपके अंदर जहर चला ही जाए क्योंकि यह जरूरी नहीं कि समय सांप के अंदर जहर होता ही है। कमाल की बात तो यह है कि नागों के भी 32 दांत होते हैं। लेकिन इनमें चार दांत ही जहर उगलते हैं। नाग के चार जहरीले विषदंत के बारे में भविष्य पुराण में बताया गया है कि सांप की सबसे छोटी दांत का नाम यमदूती है इससे नाग जिसे काट लेता है उसका जीवित बच पाना बेहद मुश्किल होता है। यमदूती के अलावा नाग के जहरीले दांत हैं कराली, मकरी औऱ कालरात्रि। नाग के विष के बार में भविष्य पुराण बताता है कि इनकी दाईं आंख के ऊपर विष ग्रंथि होती है। नाग जब क्रोधित होकर फन उठाता है तो विष पहले उनके मस्तिष्क में फिर धमनी और फिर नाड़ियों द्वारा विषदंत में पहुंचता है। जिस व्यक्ति को नाग काटकर उलट जाता है उसका बच पाना भी असंभव होता है क्योंकि क्रोधित सांप उस व्यक्ति में अपना पूरा विष डाल देता है। नागों के इन रहस्यों को भी जानें नागों के बारे में भविष्य पुराण में बताया गया है कि जन्म लेने के 6 महीने बाद सांप पहली बार केचुली बदलता है।
सांपो को आपने हमेशा रेंग कर चलते हुए देखा होगा लेकिन शायद आप यह जानकर हैरान होंगे कि सांपों के भी पैर होते हैं वह भी 240 जो सूक्ष्म होते है। चलते समय यह शरीर से बाहर आ जाते हैं। आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि जिन सांपों के दांत लाल, पीले या सफेद होते रहते हैं उनमें विष भी कम रहता है और ऐसे नाग डरपोक होते हैं। यह पहले खुद ही भागने की कोशिश करते हैं। बहुत भयभीत होने पर ही यह किसी पर फन उठाते हैं और काटते हैं।