नवरात्रि के पांचवें दिन है विशेष योग, इस समय करें शनिदेव की विधि - विधान से पूजा
आज नवरात्रि का पांचवां दिन है। नवरात्रि के पांचवें दिन माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आज नवरात्रि का पांचवां दिन है। नवरात्रि के पांचवें दिन माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है। नवरात्रि के दौरान नौ दिनों में मां के नौ रूपों की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। आज शनिवार का दिन भी है और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। 9 ग्रहों में शनिुदेव को बेहद प्रभावी ग्रह माना गया है। ऐसा माना जाता है कि शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। शनि के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। नवरात्रि के दौरान कुछ उपाय करने से शनि देव के अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है। नवरात्रि के पांचवें दिन यानी आज शाम को शुभ योग बन रहा है। इस योग में शनिदेव की पूजा करना शुभ माना जाता है।
नवरात्रि में शनिदेव की पूजा करने से होता है अशुभ प्रभाव कम
नवरात्रि के पांचवें दिन यानी आज मृगशिरा नक्षत्र बना हुआ है। इस नक्षत्र का स्वामी मंगल है। ज्योतिष गणनाओं के अनुसार आज शाम को सूर्यास्त के बाद शनिदेव की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाओं पूरी हो जाती हैं। इस दौरान शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करें। शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करना शुभ होता है। इस समय शिव चालीसा का पाठ भी करें।
शनिदेव के मंत्र...
इन मंत्रों का जप करने से शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
शनि मंत्र:
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:
शनि का वैदिक मंत्र:
ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये.
शनि का एकाक्षरी मंत्र:
ऊँ शं शनैश्चाराय नम:.