Budh Pradosh fast के दिन इस तरह करें शिव पार्वती की पूजा

Update: 2024-07-03 09:11 GMT
Budh Pradosh fast ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन शिव साधना आराधना को समर्पित प्रदोष व्रत बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में दो बार पड़ता है इस दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना का विधान होता है ऐसे में भक्त प्रदोष व्रत के दिन उपवास आदि रखते हुए शिव भक्ति में लीन रहते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है
और सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है अभी आषाढ़ का महीना चल रहा है और इस माह के कृष्ण पक्ष में प्रदोष व्रत आज यानी 3 जुलाई दिन बुधवार को किया जा रहा है बुधवार के दिन प्रदोष पड़ने के कारण ही इसे बुध प्रदोष व्रत के नाम से जाना जा रहा है
मान्यता है कि त्रयोदशी के दिन शिव और माता पार्वती की विधि पूर्वक पूजा अर्चना करने से जातक को मानसिक और शारीरिक कष्टों से राहत मिल जाती है और शिव कृपा बरसती है, ऐसे में आज हम आपको प्रदोष व्रत की संपूर्ण पूजा विधि बता रहे हैं, माना गया है कि विधि विधान से अगर भोलेबाबा की आज पूजा की जाए तो घर में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है, तो आइए जानते शिव पूजा विधि।
प्रदोष व्रत पर ऐसे करें शिव पूजा
आपको बता दें कि प्रदोष व्रत के दिन सुबह उठकर सभी कार्यों से निवृत्त होकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर घर की साफ सफाई करें इसके बाद पूजा स्थल की सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें। इसके बाद हाथ में जल, पुष्प और अक्षत लेकर भगवान शिव का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प करें अब समस्त शिव परिवार की विधिवत पूजा करें और मालपुआ, सफेद बर्फी, सूजी के हलवे या खीर का भोग लगाएं। इसके बाद शाम के समय फिर से स्नान करें और विधि विधान से शिव परिवार की पूजा करें। इसके बाद कथा सुनें और अगले दिन सूर्योदय के समय शिवलिंग का रुदाभिषेक करके अपने व्रत का पारण करें।
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