Mahesh Navami पर ऐसे करें महादेव को प्रसन्न, सौभाग्य की होगी प्राप्ति

Update: 2024-06-15 12:36 GMT
Mahesh Navami ज्योतिष  : आज यानी 15 जून दिन शनिवार को महेश नवमी का पर्व मनाया जा रहा है जो कि शिव पार्वती की साधना आराधना को समर्पित है यह पर्व विशेष तौर पर माहेश्वरी समाज के लोग बड़ी धूमधाम के साथ मनाते हैं मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से सुख शांति की प्राप्ति होती है।
लेकिन इसी के साथ ही अगर आज के शुभ दिन पर भगवान शिव के प्रिय शिवाष्टक स्तोत्र का पाठ भक्ति भाव से किया जाए तो महोदव प्रसन्न होकर कृपा करते हैं और सुख समृद्धि व शांति प्रदान करते हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं ये चमत्कारी पाठ।
।।शिवाष्टक स्तोत्र।।
जय शिवशंकर, जय गंगाधर, करुणा-कर करतार हरे,
जय कैलाशी, जय अविनाशी, सुखराशि, सुख-सार हरे
जय शशि-शेखर, जय डमरू-धर जय-जय प्रेमागार हरे,
जय त्रिपुरारी, जय मदहारी, अमित अनन्त अपार हरे,
निर्गुण जय जय, सगुण अनामय, निराकार साकार हरे।
पार्वती पति हर-हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे॥
जय रामेश्वर, जय नागेश्वर वैद्यनाथ, केदार हरे,
मल्लिकार्जुन, सोमनाथ, जय, महाकाल ओंकार हरे,
त्र्यम्बकेश्वर, जय घुश्मेश्वर भीमेश्वर जगतार हरे,
काशी-पति, श्री विश्वनाथ जय मंगलमय अघहार हरे,
नील-कण्ठ जय, भूतनाथ जय, मृत्युंजय अविकार हरे।
पार्वती पति हर-हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे॥
जय महेश जय जय भवेश, जय आदिदेव महादेव विभो,
किस मुख से हे गुरातीत प्रभु! तव अपार गुण वर्णन हो,
जय भवकार, तारक, हारक पातक-दारक शिव शम्भो,
दीन दुःख हर सर्व सुखाकर, प्रेम सुधाधर दया करो,
पार लगा दो भव सागर से, बनकर कर्णाधार हरे।
पार्वती पति हर-हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे॥
जय मन भावन, जय अति पावन, शोक नशावन,
विपद विदारन, अधम उबारन, सत्य सनातन शिव शम्भो,
सहज वचन हर जलज नयनवर धवल-वरन-तन शिव शम्भो,
मदन-कदन-कर पाप हरन-हर, चरन-मनन, धन शिव शम्भो,
विवसन, विश्वरूप, प्रलयंकर, जग के मूलाधार हरे।
पार्वती पति हर-हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे॥
भोलानाथ कृपालु दयामय, औढरदानी शिव योगी,
सरल हृदय, अतिकरुणा सागर, अकथ-कहानी शिव योगी,
निमिष में देते हैं, नवनिधि मन मानी शिव योगी,
भक्तों पर सर्वस्व लुटाकर, बने मसानी शिव योगी,
स्वयम्‌ अकिंचन, जनमनरंजन पर शिव परम उदार हरे।

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