धनतेरस पर ऐसे करें भगवान धन्वंतरि पूजा, घर में नहीं होगी कभी पैसों की तंगी
इस बार धनतेरस का त्योहार 23 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा. इस दिन लोग जमकर खरीदारी करते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करना बेहद शुभ होता है और ऐसा करने से घर में बरकत आती है.
इस बार धनतेरस का त्योहार 23 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा. इस दिन लोग जमकर खरीदारी करते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करना बेहद शुभ होता है और ऐसा करने से घर में बरकत आती है. इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है. इसके साथ ही कुबेर, लक्ष्मी, गणेश और यम की पूजा भी की जाती है. हालांकि, पूजा करने के दौरान भी सही विधि मालूम होना बेहद जरूरी है, वरना फल नहीं मिलता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि घर में धनतेरस के दिन पूजा करने की सही विधि क्या है?
पूजा करते समय ईशान की तरफ हो मुंह
सबसे पहले धनतेरस के दिन सुबह जल्द उठकर नहा-धोकर पूजा की तैयारी करें. घर में पूजा की जगह ईशान कोण में ही बनाएं. पूजा के समय श्रद्धालुओं का मुंह ईशान, पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए. पूजा के लिहाज से यह दिशा अति-उत्तम मानी गई है.
पंचदेवों की स्थापना
पूजा के दौरान पंचदेव यानी कि भगवान गणेश, मां दुर्गा, भगवान शिव, विष्णु, सूर्य देव की स्थापना करें. पंचदेवों को स्थापित करने के बाद परिवार के सभी लोग एकत्रित हों और एक साथ पूजा करें. ऐसा करने से शुभ फल की जल्द प्राप्ति होती है.
16 क्रियाओं की पूजा
भगवान धन्वंतरि की 16 क्रियाओं से पूजा करनी चाहिए.पूजा की समाप्ति पर सांगता सिद्धि के लिए दक्षिणा जरूर चढ़ाएं. इसके बाद भगवान धन्वंतरी के सामने धूप, दीप, हल्दी, कुमकुम, चंदन, चावल और फूल चढ़ाकर उनके मंत्र का उच्चारण करते हुए जाप किया जाना चाहिए.
प्रसाद या नैवेध
पूजा खत्म होने के बाद प्रसाद या नैवेध का भोग जरूर चढ़ाएं. ध्यान रखें कि नैवेध में नमक, मिर्च, तिल का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना है. हर पकवान में तुलसी का एक पत्ता जरूर रखें. प्रदोष काल में घर के मुख्य द्वार या आंगन में एक दीपक जलाएं और एक दीपक यम देवता के नाम का भी जरूर जलाएं. इसके साथ ही इष्ट देवता की पूजा करते समय स्वास्तिक, कलश, नवग्रह देवता, पंच लोकपाल, षोडश मातृका और सप्त मातृका की पूजा भी जरूर करें.