Ashadh Vinayak Chaturthi पर करें गणपति को प्रसन्न, बनेंगे बिगड़े काम

Update: 2024-07-08 12:05 GMT
Ashadh Vinayak Chaturthi ज्योतिष न्यूज़  : हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन आषाढ़ निवायक चतुर्थी को खास माना गया है जो कि आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाई जाती है विनायक चतुर्थी के दिन भक्त दिनभर उपवास रखकर भगवान श्री गणेश की पूजा आराधना करते हैं इस दिन चंद्र दर्शन करना मना होता है इससे कलंक लगता है।
 इस बार विनायक चतुर्थी का व्रत कल यानी 9 जुलाई
दिन मंगलवार को किया जाएगा। इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने का विधान होता है मान्यता है कि जो भक्त इस शुभ दिन पर गणपति की पूजा आराधना और भक्ति में लीन रहता है उसे शुभ फलों की प्राप्ति होती है और सारे दुख दर्द दूर हो जाते हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा आषाढ़ विनायक चतुर्थी पर की जाने वाली गणपति की आराधना व पूजा की संपूर्ण विधि से अवगत करा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
विनायक चतुर्थी की संपूर्ण पूजा विधि—
आपको बता दें कि कल विनायक चतुर्थी पर सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें फिर साफ वस्त्रों को धारण कर व्रत का संकल्प करें। अब पूजा स्थल पर गणपति की प्रतिमा स्थापित कर जलाभिषेक करें इसके बाद भगवान को पुष्प, फल अर्पित करें और पीला चंदन लगाएं।
इसके बाद सभी पूजन सामग्री को श्री गणेश को अर्पित करें इसके बाद भगवान को मोदक व फल का भोग लगाएं। फिर आषाढ़ विनायक चतुर्थी की व्रत कथा का पाठ करें इसके बाद श्री गणेश के मंत्र, चालीसा और आरती पढ़ें। भूल चूक के लिए क्षमा मांगकर भगवान से सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना करें। शाम के समय चंद्रमा के दर्शन कर जल अर्पित करें।

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