धर्म अध्यात्म: शिव जी का प्रिय महीना सावन अब समाप्त होने वाला है. इस साल 4 जुलाई से शुरू हुआ सावन महीना 31 अगस्त को खत्म हो जाएगा. अधिक मास के चलते इस बार सावन दो महीनें का था, इसलिए इस बार 8 सोमवार का शुभ संयोग भी बना था. पवित्र श्रावण मास का आज अंतिम सोमवार है. इसी क्रम में मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है.
नर्मदा तट पर स्थित भगवान ओंकारेश्वर तथा ममलेश्वर के मंदिर में ब्रह्म मुहूर्त से ही शिवभक्त लंबी लाइनों में लगकर भगवान भोलेनाथ को प्रिय चीजें अर्पित कर रहें हैं. कोई बेलपत्र, धतूरा, फूल अर्पित कर तो कोई भगवान भोलेनाथ को दुग्ध अभिषेक कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना कर रहे है. द्वादश ज्योतिर्लिंग स्रोत के अनुसार, बारह ज्योतिर्लिंगों में ओंकारेश्वर और ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग का संयुक्त रूप से चतुर्थ स्थान है.
पुण्य सलिला मां नर्मदा से घिरे ॐ आकार के पर्वत पर बना यह प्राचीन मंदिर भगवान शिव और माता पार्वती का शयन स्थान माना जाता है. प्राचीन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव दिनभर अखिल ब्रह्मांड में विचरण करते हैं, किंतु वह शयन ओंकार पर्वत पर ही करते हैं. यही कारण है, जो यहां भगवान ओंकारेश्वर की शयन आरती होती है. माता पार्वती और शिव के लिए चौपाल सजाया जाता है.
श्रावण माह के आठवें तथा अंतिम सोमवार पर डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं के मां नर्मदा में आस्था की डुबकी लगाने का अनुमान है. शिवभक्त यहां पहुंचकर सबसे पहले मां नर्मदा में स्नान कर अपने पापों का नाश और पूर्वजों को मोक्ष प्राप्ति की कामना करते हैं, इसके उपरांत वे ओंकारेश्वर और ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर पहुंचकर भगवान भोलेनाथ के दर्शन–पूजन करते हैं.