चैत्र नवरात्रि के 7वां दिन मां कालरात्रि को लगाए उनका प्रिय भोग, सुखी होगा जीवन

Update: 2024-04-15 06:14 GMT
नई दिल्ली : चैत्र नवरात्रि का आज 7वां दिन है. भक्त माता रानी के कालरात्रि स्वरूप की पूजा-अर्चना कर रहे हैं. देवी कालरात्रि को कालों की काल माना जाता है. मान्यता है कि मां कालरात्रि (Ma Kalratri) की आराधना के समय भानु चक्र जाग्रत होता है, जो हर तरह के भय को हमेशा के लिए नष्ट कर देता है. जीवन की हर समस्या को हल करने की शक्ति आ जाती है. माना जाता है कि आप मां कालरात्रि की जब भी पूजा करें तब उनका प्रिय भोग लगा देते हैं तो मां प्रसन्न हो जाएंगी और जीवन के हर संकट को एक झटके में दूर कर देंगी.
मां कालरात्रि को लगाएं प्रिय भोग
चैत्र नवरात्रि के 7वें दिन मां कालरात्रि की पूजा करते समय गुड़ या गुड़ से बनी मिठाईयां, पकवान जैसे- मालपुआ का भोग लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है. देवी कालरात्रि का यह सबसे प्रिय भोग है. माता कालरात्रि की पूजा सुबह और शाम में करते समय उन्हें यह भोग (Bhog) लगाने से कोई भी आपका अहित नहीं कर पाएगा. आपके जीवन की कठिनाईयां दूर होती चली जाएंगी.
देवी कालरात्रि को भोग कैसे लगाएं
1. मां कालरात्रि की आराधना नियम और अनुशासन के साथ करनी चाहिए.
2. सुबह उठने के बाद सबसे पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और फिर मां कालरात्रि की पूजा करें.
3. घी का दीपक जलाकर माता को हल्दी, कुमकुम लगाएं और फूल अर्पित करें.
4. 'ॐ कालरात्र्यै नम: मंत्र का जाप कर गुड़ या इससे बने पकवान भोग लगाएं.
5. पूजा करने के बाद गुड़ का आधा हिस्सा परिवार को प्रसाद के रूप में दें, बाकी आधा ब्राह्मण को दान करें.
6. माता कालरात्रि की पूजा करते समय आसन में लाल कंबल रखना शुभ माना जाता है.
मां कालरात्रि की पूजा का महत्व जानें
नवरात्रि का सातवां दिन काफी महत्वपूर्ण माना गया है. इस दिन मां कालरात्रि की विधिपूर्वक पूजा करने से आरोग्य सुख की प्राप्ति होती है. हर तरह की नकारात्मक शक्तियों का नाश हो जाता है. मां कालरात्रि अपने भक्तों की सदैव रक्षा करती हैं. शत्रुओं और दुष्टों का संहार कर हर तरह के सुख भक्त के जीवन में देती हैं. परिवार में सदैव सुख और समृद्धि बनी रहती है.
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