महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर इन चीजों को अर्पित, जानें शिवरात्रि मनाने का तरीका
पहले प्रहर का अभिषेक जल, दूसरे प्रहर का अभिषेक दही, तीसरे प्रहर का अभिषेक घी और चौथे प्रहर का अभिषेक शहद से करना चाहिए
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्योतिषी निधि जी श्रीमाली के अनुसार शिवलिंग पर सबसे पहले पंचामृत चढ़ाना चाहिए. पंचामृत यानी दूध, गंगाजल, केसर, शहद और जल से बना हुआ मिश्रण. जो लोग चार प्रहर की पूजा करते हैं उन्हें पहले प्रहर का अभिषेक जल, दूसरे प्रहर का अभिषेक दही, तीसरे प्रहर का अभिषेक घी और चौथे प्रहर का अभिषेक शहद से करना चाहिए.
बिल्व पत्र: प्रभु आशुतोष के पूजन में अभिषेक व बिल्वपत्र का प्रथम स्थान है. ऋषियों ने कहा है कि बिल्वपत्र भोले भंडारी को चढ़ाना एवं 1 करोड़ कन्याओं के कन्यादान का फल एक समान है. तीन जन्मों के पापों के संहार के लिए त्रिनेत्ररूपी भगवान शिव को तीन पत्तियों युक्त बिल्वपत्र, जो सत्व - रज - तम का प्रतीक है, को इस मंत्र को बोलकर अर्पित करना चाहिए.
त्रिदलं त्रिगुणकरं त्रिनेत्र व त्रिधायुतम|
त्रिजन्म पाप संहार बिल्व पत्रं शिवार्पणम||
भांग: भगवान शिव ने हलाहल विष का पान किया है. इस विष के उपचार के लिए कई तरह की जड़ी बूटियों का प्रयोग देवताओं ने किया. इनमे भांग भी एक हैं. इसलिए भगवान शिव को भांग बेहद प्रिय हैं. शिवरात्रि के अवसर पर भांग के पत्ते या भांग को पीसकर दूध या जल में घोलकर भगवान शिव का अभिषेक करें तो रोग दोष से मुक्ति मिलती है.
धतूरा: भांग की तरह धतूरा भी एक जड़ी बूटी है. भगवान शिव के सिर पर चढ़े विष के प्रभाव को दूर करने के लिए धतूरा का प्रयोग भी किया गया था. इसलिए शिव जी को धतूरा भी प्रिय हैं. महाशिवरात्रि के अवसर पर शिवलिंग पर धतूरा अर्पित करें. इससे शत्रुओं का भय दूर होता है साथ ही धन संबंधी मामलों में उन्नति होती है.
गंगाजल: गंगा भगवान विष्णु जी के चरणों से निकली और भगवान शिव जी की जटाओं से धरती पर उत्तरी हैं. इसलिए सभी नदियों में गंगा परम पवित्र हैं. गंगा जल से भगवान शिव का अभिषेक करने से मानसिक शान्ति और सुख की प्राप्ति होती हैं.
गन्ने का रस: गन्ना जीवन में मिठास और सुख का प्रतीक माना जाता है. शास्त्रों में गन्ने को बहुत ही पवित्र मन गया है. प्रेम के देवता कामदेव का धनुष गन्ने से बना है. देवप्रबोधनी एकादशी के दिन गन्ने का घर बनाकर भगवान विष्णु की देवी तुलसी की पूजा की जाती है. गन्ने से शिवलिंग का अभिषेक करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है.
इस वर्ष महाशिवरात्रि 1 मार्च 2022 के पावन दिन एस्ट्रोलॉजर निधि जी श्रीमाली के संस्थान में महा रुद्राभिषेक शुभ मुहूर्त में किया जाएगा.