नवदुर्गा को अर्पित करें उनके प्रिय भोग, आपकी मनोकामना होगी पूरी
नवदुर्गा के पूजन की शारदीय नवरात्रि की शुरूआत आज 07 अक्टूबर से हो रही है। इस साल नवरात्रि का पूजन 15 अक्टूबर तक किया जाएगा।
नवदुर्गा के पूजन की शारदीय नवरात्रि की शुरूआत आज 07 अक्टूबर से हो रही है। इस साल नवरात्रि का पूजन 15 अक्टूबर तक किया जाएगा। नवरात्रि के प्रत्येक दिन मां के अलग-अलग स्वरूप का पूजन होता है, इन्हें ही नवदुर्गा कहा जाता है। नवदुर्गा के अलग- अलग रूप का पूजन करने के अलग- अलग विधान है। इस नवरात्रि नवदुर्गा के हर रूप को उनकी रूचि के अनुरूप भोग लागाएं। ऐसा करने से मां दुर्गा अवश्य प्रसन्न होंगी और भक्तों की सभी मनोकामानाओं की पूर्ति करेंगी। आइए जानते हैं नवदुर्गा के प्रत्येक रूप को उनके पूजन के दिन किस चीज का भोग लगाने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है.....
1-मां शैलपुत्री - नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री को शुद्ध घी से बनी वस्तुओं से भोग लगाना चाहिए।इसके साथ ही उन्हें सफेद रंग के फूल और मिठाई भी अर्पित करनी चाहिए।
2-मां ब्रह्मचारिणी - मां ब्रह्मचारिणी की पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन की जाती है। माता को शक्कर या चीनी से बना प्रसाद चढ़ाना चाहिए। इसके साथ पंचामृत अर्पित करने से मां ब्रह्मचारिणी दीर्घायु होने का आशीर्वाद देतीं हैं।
3- मां चंद्रघंटा - नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा करने का विधान है। मां चंद्रघंटा को दूध से बनी चीजों के भोग लगाने से शीघ्र प्रसन्न किया जा सकता है।
4- मां कुष्मांडा – चतुर्थी के दिन मां कुष्मांडा का पूजन किया जाता है। मां को मालपुए का भोग लगाने और उसे जरुरतमंदों को खिलाने से मां अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
5- मां स्कंदमाता – मां दुर्गा का पांचवा रूप स्कंदमाता है। स्कंदमाता को केले का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
6- मां कात्यायनी – नवरात्रि के छठें दिन माता कात्यायनी को शहद का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से माता अपने भक्तों के सभी कष्ट हर लेती हैं।
7- मां कालरात्रि – सप्तमी के दिन मां कालरात्रि का पूजन किया जाता है। इनको गुड़ का भोग लगाने से सभी प्रकार के रोग, दोष समाप्त होते हैं।
8- मां महागौरी – अष्टमी के दिन मां महागौरी को पूजन में नारियल का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
9- मां सिद्धिधात्रि – नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिरात्रि को चना और हलवा का भोग लगाया जाता है। इस दिन कन्या भोज कराने का भी विधान है।