ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन विकट संकष्टी चतुर्थी को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार आती है यह तिथि श्री गणेश की पूजा आराधना के लिए उत्तम मानी जाती है इस दिन भक्त उपवास रखकर भगवान गणेश की विधिवत पूजा करते हैं कहा जाता है कि चतुर्थी तिथि पर शिव पुत्र गणेश की पूजा करने से भक्तों को उत्तम फलों की प्राप्ति होती है और सारे कष्ट भी दूर हो जाते हैं
इस बार विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत 27 अप्रैल दिन शनिवार यानी आज किया जा रहा है किसी भी व्रत का पूर्ण फल तब ही प्राप्त होता है जब व्यक्ति व्रत पूजन को विधिवत करके उसका पारण करता है ऐसे में अगर आप भी व्रत का पूरा फल पाना चाहते हैं तो व्रत का विधिवत पारण जरूर करें तो आज हम आपको इसी विषय में जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत पारण—
पंचांग के अनुसार 27 अप्रैल दिन शनिवार को सुबह 8 बजकर 17 मिनट पर वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ हो चुका है। वही इसका समापन अगले दिन यानी 28 अप्रैल को सुबह 8 बजकर 21 मिनट पर हो जाएगा। वहीं चंद्रोदय 27 अप्रैल को रात्रि 10 बजकर 30 मिनट पर होगा। आपको बता दें कि विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत का पारण चंद्रमा को जल देने के बाद आप कर सकते हैं इसे अच्छा माना जाता है।
विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर भगवान गणेश का अभिषेक करें भगवान को कुमकुम लगाएं और पीले पुष्पों की माला अर्पित करें भगवान को मोदक का भोग लगाएं और घी का दीपक जलाएं। इस दिन भगवान के वैदिक मंत्रों का जाप करना भी उत्तम माना जाता है इसके अलावा श्री गणेश की आरती भी करें।