Nirjala Ekadashi : निर्जला एकादशी पूजा में पढ़ें ये आरती, प्रभु की होगी कृपा

Update: 2024-06-18 07:31 GMT
Nirjala Ekadashi ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर निर्जला एकादशी का व्रत ​किया जाता है जो कि भगवान विष्णु की साधना को समर्पित है इस दिन भक्त प्रभु की विधिवत पूजा कर दिनभर उपवास रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान की असी कृपा बरसती है। निर्जला एकादशी पर विष्णु संग माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा अर्चना से जीवन की समस्याओं का समाधान हो जाता है
और पापों से राहत मिलती है।
इस साल निर्जला एकादशी का व्रत 18 जून दिन मंगलवार यानी आज किया जा रहा है और आज साल का आखिरी बड़ा मंगल है जो कि हनुमान पूजा को समर्पित है। निर्जला एकादशी के शुभ दिन पर भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें साथ ही उनकी प्रिय आरती जरूर पढ़ें माना जाता है कि ऐसा करने से अपयश दूर हो जाता है और प्रभु के आशीर्वाद से जीवन में सुख समृद्धि और शां​ति आती है। तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं भगवान विष्णु की प्रिय आरती पाठ।
यहां पढ़ें भगवान विष्णु की आरती—
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥
ॐ जय जगदीश हरे...
जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का।
स्वामी दुःख विनसे मन का।
सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥
ॐ जय जगदीश हरे...
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ मैं किसकी।
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥
ॐ जय जगदीश हरे...
तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।
स्वामी तुम अन्तर्यामी।
पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥
ॐ जय जगदीश हरे...
तुम करुणा के सागर, तुम पालन-कर्ता।
स्वामी तुम पालन-कर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥
ॐ जय जगदीश हरे...
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
स्वामी सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूँ दयामय, तुमको मैं कुमति॥
ॐ जय जगदीश हरे...
दीनबन्धु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
स्वामी तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥
ॐ जय जगदीश हरे...
विषय-विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
स्वमी पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, सन्तन की सेवा॥
ॐ जय जगदीश हरे...
श्री जगदीशजी की आरती, जो कोई नर गावे।
स्वामी जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख संपत्ति पावे॥
ॐ जय जगदीश हरे...

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