Nirjala Ekadashi: इस दिन मनाई जाएगी निर्जला एकादशी, जानें इसकी पूजा विधि

Update: 2024-06-16 10:53 GMT
Nirjala Ekadashi  जगत के पालनहार भगवान विष्णु को एकादशी तिथि समर्पित Ekadashi date dedicatedहै। हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर श्री हरि और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही सभी पापों की मुक्ति के लिए व्रत भी किया जाता है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार निर्जला एकादशी की डेट को लेकर लोग अधिक कन्फ्यूज हो रहे हैं। कुछ लोग निर्जला एकादशी 17 जून (Kab Hai Nirjala Ekadashi 2024) की बता रहे हैं, तो वहीं कुछ लोग निर्जला एकादशी 18 जून को मनाने की बात कह रहे हैं। आइए इस लेख में हम आपको बताएंगे कि निर्जला एकादशी व्रत किस दिन किया जाएगा।
निर्जला एकादशी के दिन श्री हरि के साथ करें मां तुलसी की पूजा, घर आएंगी मां लक्ष्मी
इस दिन मनाई जाएगी निर्जला एकादशी
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष Shukla Paksha of Jyeshtha month की एकादशी तिथि का प्रारंभ 17 जून को सुबह 04 बजकर 43 मिनट से होगा। वहीं, इसका समापन 18 जून को सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि का अधिक महत्व है। ऐसे में निर्जला एकादशी व्रत 18 जून को रखा जाएगा।
इस समय करें व्रत का पारण
निर्जला एकादशी व्रत का पारण 19 जून को सुबह 05 बजकर 23 मिनट से लेकर 07 बजकर 28 मिनट तक कर सकते हैं।
निर्जला एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें और दिन की शुरुआत श्री हरि Shri Hariके ध्यान से करें। इसके बाद स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें। अब मंदिर की सफाई कर गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें। चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा विराजमान करें। अब उन्हें पीले रंग के फूल और गोपी चंदन अर्पित करें। मां लक्ष्मी को श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं। देशी घी का दीपक जलाकर आरती करें। इस समय विष्णु चालीसा का पाठ करें। साथ ही विष्णु स्तोत्र का पाठ और मंत्र का जाप करें। अंत में प्रभु को केला और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।
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