जीवन में कभी घबराना नहीं चाइए, पढ़िए स्वामी विवेकानंद की ये कहानी

हम सब को अपने जीवन में समस्याओं का सामना तो करना ही पड़ता है.

Update: 2021-02-16 06:03 GMT

जनता से रिश्ता बेवङेस्क | हम सब को अपने जीवन में समस्याओं का सामना तो करना ही पड़ता है. कई बार ऐसा भी होता है, जब हम समस्या से पीछा छुड़ाने के लिए उससे भागने की कोशिश करते हैं. लेकिन इस तरह कभी समाधान नहीं मिल सकता. यहां जानिए स्वामी विवेकानंद के जीवन का ऐसा किस्सा जो आपको बताएगा कि जितना आप डर से भागते हैं, उतना ही वो आपका पीछा करता है.

एक बार बनारस में स्वामी विवेकनन्द जी मां दुर्गा जी के मंदिर से निकल रहे थे कि तभी वहां मौजूद बहुत सारे बंदरों ने उन्हें घेर लिया. वे उनसे प्रसाद छीनने लगे और डराने लगे. स्वामी जी बंदरों से बुरी तरह भयभीत हो गए और खुद को बचाने के लिए दौड़ लगाने लगे. स्वामी जी आगे और कई सारे बंदर उनके पीछे.

एक सन्यासी काफी देर से ये सब देख रहे थे. तभी उन्होंने स्वामी जी को रोका और कहा कि डरो मत, उनका सामना करो. वृद्ध सन्यासी की ये बात सुनकर स्वामी जी तुरंत पलटे और बंदरों के तरफ बढ़ने लगे. उनके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा, जब उनके ऐसा करते ही सभी बन्दर तुरंत भाग गए. तब उन्होंने वृद्ध सन्यासी को इस सलाह के लिए बहुत धन्यवाद किया.

इस घटना से स्वामी जी को ये सीख मिली कि जब तक हम किसी घटना या चीज से भागते हैं, वो हमारा पीछा करती है और हमें ज्यादा भयभीत करती है. लेकिन अगर हम उसका सामना करने की हिम्मत जुटा लें तो वो चीज हमसे खुद दूर भाग जाती है.

कई सालों बाद स्वामी विवेकानंद ने एक संबोधन में इस घटना का जिक्र भी किया और युवाओं को समझाया कि अगर तुम कभी किसी समस्या से भयभीत हो, तो उसे गौर से देखो और डटकर सामना करो. इसके बाद उसका समाधान तुम्हें जरूर मिल जाएगा. समस्या से भागना सिर्फ कायरता की निशानी है. यदि उसे खत्म करना है तो सामना करना ही पड़ेगा.

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