Nag Panchami : कुंडली में विष योग या Vishkanya Yog तो नागपंचमी पर करें ये उपाय
अगर आपकी कुंडली (Kundli) में विष योग, विष कन्या योग या अश्वगंधा योग है तो आप उसे दूर सकते हैं. इसके लिए आप नागपंचमी पर विशेष उपाय कर सकते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हम में से बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं. जिनकी कुंडली (Kundli) में विष योग, विष कन्या योग या अश्वगंधा योग होता है. जब तक लोगों की जिंदगी में ऐसा कोई योग रहता है. तब तक उनके जीवन के हर कार्य में रुकावट आती रहती है.
अगर आपकी कुंडली में भी ऐसा कोई विष योग (Vish Yog) है तो आप नागपंचमी (Nag Panchami 2021) पर उसे दूर कर सकते हैं. इस तरह के दुर्योगों को दूर करने के लिए यह सबसे अच्छा दिन माना जाता है. इस बार नागपंचमी 13 अगस्त को पड़ रही है. इसलिए आप उस दिन उपायों को कर सकते हैं.
ऐसे बनता है विषकन्या योग
अगर किसी स्त्री की जन्मपत्रिका में लग्न और केन्द्र में पाप ग्रह हो. साथ ही समस्त शुभ ग्रह शत्रु क्षेत्री या षष्ठ, अष्टम और द्वादश स्थानों में हो तो विषकन्या योग (Vishkanya Yog) बनता है. साथ ही शनि प्रथम भाव में, सूर्य पंचम भाव में और मंगल नवम भाव में हो तो भी 'विषकन्या' योग बन जाता है. अगर किसी स्त्री का जन्म रविवार, मंगलवार और शनिवार को या 2, 7, 12 तारीख को हुआ हो तो भी विषकन्या योग बनता है.
विषयोग की ऐसे होती है उत्पत्ति
गोचर में जब शनि चंद्र के ऊपर से या जब चंद्र शनि के ऊपर से निकलता है तब विष योग (Vish Yog) बनता है. जब भी चंद्रमा गोचर में शनि अथवा राहु की राशि में आता है विष योग बनता है. कर्क राशि में शनि पुष्य नक्षत्र में हो और चंद्रमा मकर राशि में श्रवण नक्षत्र में हो अथवा चन्द्र और शनि विपरीत स्थिति में हों और दोनों अपने-अपने स्थान से एक दूसरे को देख रहे हों तो तब भी विष योग बनता है.
नागपंचमी पर करें ये उपाय
नागपंचमी (Nag Panchami 2021) पर उपवास करके शाम को अन्न ग्रहण करें. नागों की पूजा करने के लिए उनके चित्र या मूर्ति को लकड़ी के पाट के उपर स्थापित करके पूजन किया जाता है. शिव और पार्वती के चित्र या मूर्ति के साथ ही नाग पूजा करें. नाग के चित्र या मूर्ति पर हल्दी, कंकू, रोली, चावल और फूल चढ़कर पूजा करते हैं और उसके बाद कच्चा दूध, घी, चीनी मिलाकर नाग मूर्ति को अर्पित करते हैं. जब आप पूजन कर लें तो सर्प देवता की आरती उतारी जाती है.
माथे पर चंदन का तिलक जरूर लगाएं
अंत में नाग पंचमी (Nag Panchami 2021) की कथा अवश्य सुनते हैं और श्रीसर्प सूक्त का पाठ करें. इसके बाद 'ऊं कुरु कुल्ले फट् स्वाहा' का जाप करते हुए घर में सभी जगह जल छिड़कें. नाग पंचमी के दिन श्रीमद भागवत पुराण और श्री हरिवंश पुराण का पाठ करवाएं. माथे पर चंदन का तिलक लगाएं. घर में चारों दिशाओं में कर्पूर जलाएं. कर्पूर जलाने से देवदोष व पितृदोष का शमन होता है. ऐसे शिव मंदिर में जहां शिवलिंग पर नाग मूर्ति विराजमान न हो तो प्रतिष्ठा करवाकर नाग चढ़ाएं. नाग पंचमी इसके लिए विशेष दिन होता है.