धर्म अध्यात्म: सावन मास चल रहा है, चारों ओर शिव-शंकर की पूजा हो रही है लेकिन कहते हैं ना कि भगवान शिव की पूजा तब तकअधूरी है, जब तक मां पार्वती की पूजा ना हो। शिव-पार्वती एक ही नाम हैं। इसलिए सावन मास में जो भी मां पार्वती की पूजा सच्चे मन से करता है उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और उसे मनचाहा वर मिलता है और अगर वो पहले से शादी-शुदा हैं तो पति-पत्नी में प्रेम बढ़ता है। मां पार्वती की आरती जय पार्वती माता जय पार्वती माता ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल कदा दाता। जय पार्वती माता जय पार्वती माता। अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुणगु गाता। जय पार्वती माता जय पार्वती माता। सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा देव वधुजहं गावत नृत्य कर ताथा। जय पार्वती माता जय पार्वती माता। सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता। जय पार्वती माता जय पार्वती माता। शुम्भ निशुम्भ विदारेहेमांचल स्याता सहस भुजा तनुधरिके चक्र लियो हाथा। जय पार्वती माता जय पार्वती माता। सृष्टि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता। जय पार्वती माता जय पार्वती माता। देवन अरज करत हम चित को लाता गावत दे दे ताली मन मेंरंगराता। जय पार्वती माता जय पार्वती माता। श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता सदा सुखी रहता सुख संपति पाता। जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता।