माता सीता ने हनुमान जी को दी थीं अष्ट सिद्धियां, मंगलवार के दिन इस तरह करें पूजा

हनुमान जी (Hanuman Ji) अपने भक्तों पर आने वाले तमाम तरह के कष्टों और परेशानियों को दूर करते हैं. ऐसी मान्यता है

Update: 2021-06-08 02:49 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हनुमान जी (Hanuman Ji) अपने भक्तों पर आने वाले तमाम तरह के कष्टों और परेशानियों को दूर करते हैं. ऐसी मान्यता है कि भगवान हनुमान बहुत जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं. उनकी पूजा पाठ में ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं होती. मंगलवार (Tuesday) को उनकी पूजा के बाद अमृतवाणी और श्री हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ करने से बजरंगबली खुश होते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं. मंगलवार का दिन हनुमान जी की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. पवन पुत्र को प्रसन्न करने के लिए कोई हनुमान चालीसा का पाठ करता है तो कोई सुंदर कांड का पाठ. वहीं कोई मंत्रों का जाप करता है.

हनुमान चालीसा में शामिल चौपाई- 'अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता', सभी ने जरूर पढ़ी होगी. इस चौपाई का अर्थ है कि हनुमान जी अष्ट यानी आठ सिद्धियों से संपन्न हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि वो अष्ट सिद्धियां कौन सी हैं और इनसे कौन कौन से चमत्कार होते हैं. आइए आपको बताते हैं.
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हनुमान जी की आठ सिद्धियां
अणिमा
इस सिद्धि के जरिए हनुमान जी अपने शरीर को छोटा बना सकते हैं यानी अति से अति सूक्ष्म कर सकते हैं.
महिमा
इससे शरीर का आकार बहुत ही ज्यादा बढ़ाया जा सकता है. रामायण में भी इस बात का कई बार जिक्र आता है जब हनुमान जी ने अपने शरीर को बड़ा किया था.
लघिमा
शरीर छोटा होने के साथ हल्का भी करना हो तो यही सिद्धि काम में आती है.
गरिमा
इससे शरीर का वजन काफी बढ़ाया जाता है.
प्राप्ति
इसके जरिए कोई भी चीज प्राप्त की जा सकती है.
प्राकाम्य
कामनापूर्ति और किसी भी लक्ष्य की सफल करने के लिए यही सिद्धि उपयोग में लाई जाती है.
वशित्व
अगर किसी को वश में करना हो तो इस सिद्धि का इस्तेमाल किया जाता है.
ईशित्व
ऐश्वर्य सिद्धि के लिए इसे अमल में लाया जाता है.
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रुद्र के 11वें अवतार हैं हनुमान जी
हनुमान जी को ग्रंथों में रुद्र यानी कि शिव का 11वां अवतार बताया गया है जिनमें अपार शक्ति, साहस और बल है. जो गुणों से परिपूर्ण हैं. इसी तरह हैं ऊपर वर्णित इन आठों सिद्धियों से भी संपन्न हैं. कहा जाता है कि माता सीता से हनुमान जी से प्रसन्न होकर उन्हें ये सिद्धियां सौंपी थी और मानय्ता है कि जो भक्त बजरंगबली की सच्चे मन से श्रद्धा और पूजा करता है वो भी इन सिद्धियों को प्राप्त कर सकता है.


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