इन तीन जगहों पर स्वयं चली आती हैं मां लक्ष्मी

मां लक्ष्मी की कृपा

Update: 2022-03-28 14:22 GMT
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को महान दार्शनिक, राजनीति के ज्ञाता माना जाता था। चाणक्य ने अपनी नीतियों के द्वारा व्यक्ति को जीवन में सिर्फ बुलंदियां छूने के लिए ही नहीं प्रेरित किया है। बल्कि उन्होंने अपनी नीतियों से समाज को अच्छा बनाने का भी काम किया है। इसके साथ ही उन्होंने ऐसी चीजों के बारे में बताया है जिससे व्यक्ति खुशहाल जीवन जी सकता है। जानिए आचार्य चाणक्य ने ऐसी कौन सी जगह है जहां पर मां लक्ष्मी स्वयं वास करती हैं।
श्लोक
मूर्खाः यत्र न पूज्यन्ते धान्यं यत्र सुसंचितम् ।
दाम्पत्योः कलहो नास्ति तत्र श्री स्वयमागता॥
जहां मूर्खों का सम्मान नहीं होता, अन्न का भंडार भरा रहता है और पति-पत्नी के बीच कलह नहीं हो, वहां लक्ष्मी स्वयं आती हैं।
आचार्य चाणक्य बताते हैं कि किन जगहों पर मां लक्ष्मी कभी भी वास नहीं करती हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जहां पर मूर्खों का सम्मान किया जाता है वहां पर कभी भी मां लक्ष्मी का वास नहीं होता है। क्योंकि मूर्ख व्यक्ति की बातों पर विश्वास करने से व्यक्ति सही निर्णय नहीं ले पाता हैं। थोड़ी सी प्रशंसा पाने के लिए व्यक्ति मूर्ख इंसान के आगे पीछे घूमता रहता है। इससे सिर्फ उस व्यक्ति का भी नुकसान होता है। क्योंकि मूर्ख व्यक्ति कभी भी ज्ञानी पुरुष की तरह बात नहीं कर सकता है। इसलिए जिन जगहों पर मूर्खों को ज्यादा सम्मान दिया जाता है। वहां पर कभी भी धन की देवी वास नहीं करती हैं। इसलिए अगर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद चाहिए तो मूर्ख व्यक्ति की बातों पर कभी न आएं।
आचार्य चाणक्य बताते हैं कि जिस घर में अन्न का भंडार भरा रहता है। वहां पर मां लक्ष्मी हमेशा वास करती हैं। वहीं जहां पर अन्न का एक भी दाना नहीं होता है तो मां की कृपा भी उसके ऊपर नहीं होती है। इसलिए व्यक्ति को कड़ी मेहनत करते रहना चाहिए और कभी भी घर में अन्न की कमी नहीं होने देना चाहिए। तभी व्यक्ति के घर मां लक्ष्मी स्वयं चली आती हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जहां पर पति-पत्नी के बीच हमेशा कलह मची रहती है। वहां पर मां लक्ष्मी कभी वास नहीं करती हैं। चाणक्य नीति के अनुसार, जिस घर में पति-पत्नी प्रेम के साथ रहते हैं और हर सुख-दुख में साथ खड़े रहते हैं। वहां पर मां लक्ष्मी का हमेशा आशीर्वाद बना रहता है।
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