23 फरवरी के बाद नहीं हो पाएंगी शादियां, जानें वजह

शास्त्रों की परंपरा के अनुसार शुक्र अथवा गुरु अस्त के समय विवाह मुहूर्तों का निषेध माना गया है। शुक्र और गुरु अर्थात बृहस्पति से युवक-युवती के वैवाहिक संबंधों को लेकर बहुत ही विचार किया गया है।

Update: 2022-02-14 05:46 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शास्त्रों की परंपरा के अनुसार शुक्र अथवा गुरु अस्त के समय विवाह मुहूर्तों का निषेध माना गया है। शुक्र और गुरु अर्थात बृहस्पति से युवक-युवती के वैवाहिक संबंधों को लेकर बहुत ही विचार किया गया है। जन्मपत्री में शुक्र अथवा गुरु निर्बल होने से भी गृहस्थ जीवन में कहीं ना कहीं परेशानी अवश्य आती है। इसी प्रकार गुरु के अस्त होने पर युवतियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है और शुक्र अस्त होने होने पर युवकों को वैवाहिक जीवन में परेशानियां लगी रहती है। 23 फरवरी को गुरु अस्त हो रहे हैं। इसलिए इस दिन से विवाह कार्य भी बंद हो जाएंगे।

संवत 2078 का अंतिम विवाह मुहूर्त 20 फरवरी है। इसके पश्चात 23 फरवरी से 18 मार्च तक गुरु अस्त रहेंगे। इस दौरान वैवाहिक कार्य नहीं हो सकते। 25 मार्च को गुरू उदय होंगे, लेकिन 14 मार्च से सूर्य मीन राशि में आ जाएंगे। इससे एक माह तक का समय मलमास या खर मास का होता है। मलमास में भी वैवाहिक कार्य नहीं होते। ऐसे में ठीक दो महीने के बाद 19 अप्रैल को संवत 2079 का प्रथम वैवाहिक मुहुर्त होगा। संवत 2079 ई में अप्रैल से लेकर जुलाई तक कुल 36 विवाह मुहूर्त रहेंगे। ये विवाह मुहूर्त इस प्रकार से होंगे।
अप्रैल: 19, 20, 21 22, 23, 24 और 27 अप्रैल।
मई: 2 ,3 ,4 ,9 10, 12, 18 ,20, 21, 24, 26 और 27 मई।
जून: 1, 5, 6,8, 10, 11, 14 ,17, 20, 21, 22 और 23 जून।
जुलाई: 3 ,6,, 7 ,8 और 9 जुलाई। इसके बाद देवशयनी एकादशी से चातुर्मास आरंभ होगा और चार महीने तक वैवाहिक कार्य नहीं होंगे।


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