हिंदू धर्म में मान्यता है कि, जब कोई व्यक्ति किसी भी शुभ काम को शुरू करता है तो वह मंत्रों का सहारा लेते हैं. जबकि, शास्त्रों में भी कई तरह के मंत्रों की शक्ति का जिक्र करते हुए बताया गया है कि श्रद्धा और विश्वास के साथ मंत्र का जप करने से सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी. यदि आप चाहते हैं कि आपके परिवार में सुख शांति बनी रहे तो आइए जानते हैं कि आप कौन से मंत्र का जाप कर सकते हैं.
सनातन परंपरा के अनुसार, मंत्र का शाब्दिक अर्थ होता है कि मन को एक तंत्र में बांधना. चूंकि, हमारे मन में कभी-कभी कई गलत विचार आ जाते हैं, जिससे हमारा मन बेवजह दुखी हो जाता है और हम तरह- तरह कि चिंताओं से भर जातें है, ऐसी स्थिति में ये मंत्र सबसे ज्यादा कारगर साबित होते हैं.
इन मंत्रो के जाप से विपदाएं होंगी दूर
1- सूर्य मंत्र
ॐ सूर्य देवाय नमः इस मंत्र का जाप सुबह जरूर करना चाहिए. इस दौरान व्यक्ति को सुबह जल्दी उठकर नहाने के बाद एक लोटे में लाल फूल, सिंदूर और थोड़ा सा गुड़ डालकर सूर्यदेव को जल चढ़ाएं, और साथ में इस मंत्र का 11 बार जप करें. मान्यता है कि सूर्य देवता को सुख-समृद्धि का देवता माना जाता है. ऐसे में रोजाना इस मंत्र के जप से जातक के जीवन में आने वाली सभी परेशानियां नष्ट हो जाती हैं.
2- भोलेनाथ का मंत्र
‘ॐ नम: शिवाय’ इस मंत्र का उच्चारण शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ाते हुए करें. इसके साथ ही आप रुद्राक्ष की माला से भी जाप कर सकतें है. इस मंत्र का रोजाना जाप करते रहने से चिंतामुक्त जीवन प्राप्त होता हैं.
3- बजरंगबली का मंत्र
यदि किसी व्यक्ति के मन में किसी भी तरह की घबराहट, डर, चिंता और किसी भी काम की सफलता प्राप्त करने के लिए रोजाना ॐ हं हनुमते नम: के मंत्र का जाप करें. मान्यता है कि शनिवार के दिन लाल चंदन की माला से 551 बार करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं. इस मंत्र को रोजाना करने से सभी तरह के दुख और कलेश का नाश होता है.
4- श्री राम का मंत्र
श्री राम, जय राम, जय जय राम, इस मंत्र को हर कोई राम नाम का नाम अपनी ज़िन्दगी में करते हैं. इस राम नाम के मंत्र से आपके दिमाग में शांति मिलती है. साथ ही हर तरह कि चिंताओं से भी निजात मिलती है. इसके साथ ही मन में आ रहें सभी तरह के निगेटिव विचारों से छुटकारा भी मिलता है.
5- भोजन करने का मंत्र
सनातन परंपरा में भोजन करने से पहले मंत्र जप की पंरपरा सदियों पुरानी चली आ रही है. इसमें भगवान की ओर से मिलने वाले भोजन के प्रति आभार प्रकट किया जाता है. इस मंत्र में जातक खाने से पहले भगवान को भोजन के लिए धन्यवाद देता है. जिसमें कहा जाता है कि ॐ सह नाववतु। सह नौ भुनक्तु। सह वीर्यं करवावहै। तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषावहै।। ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:.