मकर संक्रांति सूर्य देव होते हैं उत्तरायण जानें जीवन कैसा होगा प्रभाव

मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव उत्तरायण करते हैं और इस दिन से दिन बड़े और रात छोटी होने लगती हैं.

Update: 2022-01-14 05:45 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  मकर संक्राति के दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं. उत्तरायण का महत्व हिंदू धर्म में विशेष है और इस दिन लोग गंगा स्नान करते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन अगर आप गंगा स्नान करते हैं, तो जीवन में सुख-समृद्धि आती और समस्याएं खत्म हो जाती है. इस दिन सूर्य देव की खास पूजा की जाती है और घर में खिचड़ी बनाई जाती है. क्या आप जानते हैं उत्तरायण किसे कहा जाता है और इसका महत्व क्या है? यहां हम आपको बताएंगे इससे जुड़ी सभी खास बातें.

इस तरह होते हैं सूर्य देव उत्तरायण और दक्षिणायन
पूरे साल में सूर्य के दो तरह के बदलाव होते हैं, जिसमें उत्तरायण और दक्षिणायन शामिल है. सूर्यदेव 6 महीने के लिए उत्तरायण रहते हैं और बाकी 6 महीनों में दक्षिणायन होते हैं. हिंदू पंचाग की गणना के मुताबिक, जब भी सूर्य देव मकर राशि से मिथुन राशि की यात्रा करते हैं तब इस चक्र को उत्तरायण कहा जाता है. दूसरी ओर जब सूर्य देव कर्क राशि से धनु राशि की ओर जाते हैं, तो इस समय को दक्षिणायन कहते हैं. इसी चक्र के अनुसार सूर्य देव 6-6 महीने के लिए उत्तरायण और दक्षिणायन होते हैं.
सूर्य के प्रभाव से जीवन पर होता है असर
ऐसा माना जाता है कि उत्तरायण के समय नए कार्य जैसे- गृह प्रवेश, व्रत, मुंडन करना शुभ होता है. इस दिन लोग मकर संक्रांति मनाते हैं और सूर्य देव की खास पूजा करते हैं. इस दिन से रात छोटी होने लगती हैं और दिन लंबे होने लगते हैं. सूर्य के उत्तरायण को लोगों के जीवन में प्रकाश आने से जोड़ा जाता है. उत्तरायण को देवताओं का दिन इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन अगर कोई व्यक्ति प्राण त्यागता है, तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. 



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