Mahashivratri 2022: जानें महाशिवरात्रि की तिथि, पूजा मुहूर्त,पारण समय एवं महत्व के बारे में

फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि व्रत रखते हैं.

Update: 2022-02-16 03:49 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि (Chaturdashi Tithi) को महाशिवरात्रि व्रत रखते हैं. इस वर्ष महाशिवरात्रि 01 मार्च दिन मंगलवार को है. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव (Lord Shiva) की बेलपत्र, भांग, धतूरा, मदार पुष्प, सफेद चंदन, सफेद फूल, मौसमी फल, गंगाजल, गाय के दूध आदि से विधिपूर्वक पूजन करते हैं. महाशिवरात्रि का व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, कष्ट एवं संकट दूर होते हैं, भय से मुक्ति मिलती है, शिव कृपा से आरोग्य प्राप्त होता है, सुख, सौभाग्य बढ़ता है. महाशिवरात्रि भगवान शिव की आराधना के लिए सर्वोत्तम दिन माना जाता है. आइए जानते हैं महाशिवरात्रि की तिथि, शिव पूजा मुहूर्त (Puja Muhurat), पारण समय (Parana Time) एवं महत्व के बारे में.

महाशिवरात्रि 2022 तिथि एवं मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, इस साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 01 मार्च को तड़के 03 बजकर 16 मिनट से हो रहा है, जो देर रात 01:00 बजे तक मान्य है. महाशिवरात्रि के दिन तो पूरे समय पूजा का मुहूर्त होता है, लेकिन रात्रि प्रहर की पूजा के लिए महाशिवरात्रि का मुहूर्त 1 मार्च को प्राप्त हो रहा है. ऐसे में महाशिवरात्रि 01 मार्च 2022 को है
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा के लिए निशिता काल मुहूर्त रात 12:08 बजे से लेकर देर रात 12:58 बजे तक है. महाशिवरात्रि के दिन का शुभ मुहूर्त दोपहर 12:10 बजे से दोपहर 12:57 बजे तक है.
शिव योग में महाशिवरात्रि 2022
इस साल की महाशिवरात्रि शिव योग में है. 01 मार्च को शिव योग दिन में 11:18 बजे से प्रारंभ होगा और पूरे दिन रहेगा. शिव योग 02 मार्च को प्रात: 08:21 बजे तक रहेगा.
महाशिवरात्रि 2022 पारण समय
जो लोग महाशिवरात्रि का व्रत 01 मार्च को रखेंगे, उनको व्रत का पारण 02 मार्च को प्रात: 06:45 बजे करना होगा.
महाशिवरात्रि का महत्व
महाशिवरात्रि के दिन सभी शिव मंदिरों में भक्त अपने भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए पूजा अर्चना करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव लिंग स्वरुप में प्रकट हुए ​थे. भगवान सदाशिव ने परम ब्रह्म स्वरुप से साकार रूप धारण किया था.


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