Religion Spirituality: भगवान शिव ने नंदी को दिया था यह विशेष वरदान

Update: 2024-07-04 04:07 GMT

Religion Spiritualityधर्म अध्यात्म: सावन (Sawan 2024) में अनुष्ठान मंदिर में भगवान के दर्शन करते हैं और कई लोग भगवान शिव के सामने विराजमान नंदी के द्वारा अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए प्रार्थना करते हैं। प्रचलित है कि ऐसा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह भी कहा जाता है कि उत्साहितExcited नंदी महादेव के वाहन में भगवान भोलेनाथ का द्वारपाल भी जाता है। सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय है। महादेव का आशीर्वाद पाने के लिए सावन में पूजा-अर्चना अवश्य करनी चाहिए। साथ ही मनचाहा वर की प्राप्ति के लिए सोमवार का व्रत करना चाहिए। इस महीने में शिव भक्तों में बेहद खास उत्साह देखने को मिलता है और शिव मंदिरों को सुंदर तरीकों से प्रसन्न किया जाता है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव ने नंदी को यह वरदानBoon दिया था कि सर्वप्रथम उनकी उपासना की जाएगी। इसी कारण से शिव मंदिर में महादेव की मूर्ति के सामने नंदी विराजमान होते हैं। धार्मिक मान्यता यह है कि सच्चे मन से नंदी के कान में मनोकामनाएं बोलने से सभी मुरादें पूरी होती हैं। साधक की अर्जी नंदी बाबा महादेव तक पहुंचा देते हैं, जिससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, नंदी बाबा की पूजा के दौरान उनके कान में अपनी मनोकामनाएं बोलने से पहले 'ॐ' शब्द अवश्य बोलना चाहिए और उसके बाद उनकी कामना करनी चाहिए। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि 'ॐ' का दूसरा नाम प्रणव अर्थात भगवान है और कई ग्रंथों में वर्णन किया गया है कि 'ॐ' ब्रह्मा, विष्णु और महेश यानी त्रिदेवों के प्रतीक हैं।

इसी कारण से किसी भी वैदिक मंत्र के प्रारंभ में 'ॐ' का जप किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नंदी मुद्रा उसे कहते हैं, जो नंदी जी की तरह बैठा जाता है। इस मुद्रा में पहली और आखिरी उंगली को सीधा रखा जाता है, वहीं बीच की दो उंगलियों को अंगूठे के साथ जोड़ा जाता है। इस मुद्रा में भगवान शंकर की पूजा करने से वे अत्यंत प्रसन्न होते हैं।

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