भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था विजया एकादशी का महत्व, जानें कथा
विजया एकादशी का व्रत शत्रुओं पर विजय दिलाने वाला है. कहा जाता है कि इस व्रत का महत्व भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं युधिष्ठिर को बताया था, जिसके बाद पाण्डवों ने महाभारत के युद्ध में विजय प्राप्त की थी.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हर माह में दो बार एकादशी (Ekadashi Vrat) का व्रत रखा जाता है. हर एकादशी को अलग नाम से जाना जाता है और सभी का महत्व भी अलग अलग बताया गया है. फाल्गुन मास (Phalguna Month) की कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहा जाता है. मान्यता है कि ये एकादशी शत्रुओं पर विजय दिलाने वाली है, साथ ही इस व्रत को रखने से एकादशी का तीन गुना फल प्राप्त होता है. इसे रखने से सुख समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति होती है. विजया एकादशी व्रत कथा (Vijaya Ekadashi Vrat Katha) के मुताबिक लंकापति रावण पर विजय प्राप्त करने से पहले स्वयं श्रीराम ने विजया एकादशी का व्रत रखा था. वहीं द्वापरयुग में भगवान श्रीकृष्ण ने इस व्रत की महिमा धर्मराज युधिष्ठिर को बताई थी, जिसके बाद युधिष्ठिर ने ये व्रत रखा था. इसके बाद पाण्डवों ने महाभारत के युद्ध में विजय प्राप्त की थी.