Lord Jupiter: सुख और सौभाग्य के कारक हैं गुरु, जानें गुरु की अशुभता दूर करने के उपाय
ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति का अति महत्वपूर्ण स्थान है. ये सभी ग्रहों में सबसे बड़े ग्रह हैं. देवगुरु बृहस्पति सुख और सौभाग्य के कारक ग्रह हैं. जब ये कुंडली में उच्च होते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Lord Jupiter: ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति का अति महत्वपूर्ण स्थान है. ये सभी ग्रहों में सबसे बड़े ग्रह हैं. देवगुरु बृहस्पति सुख और सौभाग्य के कारक ग्रह हैं. जब ये कुंडली में उच्च होते हैं तो व्यक्ति के जीवन में सुख, सौभाग्य, समाज में मान –सम्मान और पद –प्रतिष्ठा दिलाते है. इन्हें जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिलाते हैं. परंतु जब ये नीच स्थिति में होते हैं या जब व्यक्ति की कुंडली में गुरुदोष होता है, तो उसे जीवन में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. गुरु की शुभता को बनाए रखने के लिए या कुंडली में व्याप्त गुरु दोष के प्रभाव को समाप्त करने के लिए ये सरल उपाय करने चाहिए.
गुरु की अशुभता दूर करने के उपाय
देव गुरु बृहस्पति की शुभता पाने के लिए लोगों को रुद्राष्टाध्यायी एवं शिवसहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए. रुद्राभिषेक करना भी एक प्रभावशाली उपाय है.
गुरुवार का व्रत रखने से भी देवगुरु की अशुभता खत्म होती है. ध्यान रहें कि बृहस्पतिवार का व्रत एक बार शुरू करने पर 5,11 अथवा 43 सप्ताह तक लगातार करना चाहिए.
बृहस्पतिवार के दिन वैदिक या तांत्रिक गुरु मंत्र का जप तथा कवच एवं स्तोत्र का पाठ करना अति लाभदायक होगा.
प्रतिदिन या फिर गुरुवार को हल्दी या केसर मिलाकर स्नान करना चाहिए. उसके बाद नाभि में केसर लगाएं.
बृहस्पतिवार के दिन गुरु की पूजा में पीले कनेर का फूल अपने गुरु प्रतिमा पर चढ़ाएं.
कभी भी भूलकर अपने गुरु या किसी साधु-संत का अपमान न करें, बल्कि उनकी सेवा करें और उन्हें दान-दक्षिणा से प्रसन्न करें.
प्रतिदिन किसी तोते को चने की दाल खिलाएं. इस उपाय से बुध एवं देवगुरु बृहस्पति दोनों प्रसन्न होते हैं. इससे उनकी शुभता प्राप्त होती है.
स्वर्णपत्र में बना हुआ बृहस्पति यंत्र या फिर पुखराज दायीं भुजा में धारण करें.
हल्दी की गांठ को पीले कपड़े में बांधकर अपनी बाहु में धारण करने से भी बृहस्पति की शुभता प्राप्त होती है.
प्रति बृहस्पतिवार के दिन गुरु की पूजा के साथ केले के वृक्ष की भी पूजा करें. इससे गुरु की अशुभता दूर हो जायेगी.