गुरु गोविंद जी के ये 5 प्रेरणादायक विचार अपनाकर जीवन हो सकता है सफल

सिख इतिहास में दस गुरुओं के जीवन में ऐसे कई वाकये हुए हैं, जो हमें सिखाते हैं कि हमें अपना जीवन कैसे जीना चाहिए। जीवन में सभी के प्रति चाहे वह हमारे परिवार, मित्र,अनजान व्यक्ति या दुश्मन ही क्यों न हों, यहां तक कि पेड़-पौधे और जानवरों आदि के लिए भी अपने अंदर प्रेम व दया की भावना को जाग्रत करना होगा।

Update: 2022-01-09 05:31 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सिख इतिहास में दस गुरुओं के जीवन में ऐसे कई वाकये हुए हैं, जो हमें सिखाते हैं कि हमें अपना जीवन कैसे जीना चाहिए। जीवन में सभी के प्रति चाहे वह हमारे परिवार, मित्र,अनजान व्यक्ति या दुश्मन ही क्यों न हों, यहां तक कि पेड़-पौधे और जानवरों आदि के लिए भी अपने अंदर प्रेम व दया की भावना को जाग्रत करना होगा।सिखों के 10वें गुरु गुरु गोविंद सिंका जन्म श्री पटना साहिब में 22 दिसंबर 1666 को हुआ था। गुरु गोविंद सिंह ने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी।

गुरु गोविंद जी ने जीवन जीने के पांच सिद्धांत दिए, जिन्हें 'पंच ककार' के नाम से जाना जाता है। आज सिखों के 10वें गुरु, गुुरु गोबिंद सिंह की जयंती के मौके पर पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, पटना और देशभर में अन्य जगहों पर हजारों सिख श्रद्धालु मत्था टेकने और प्रार्थना करने के लिए गुरुद्वारों में जाते हैं। गुरु गोविंद सिंह के संदेश के अनुसार ही खालसा सिखों में पांच चीजों को अनिवार्य माना जाता है। ये पांच चीजें हैं- केश, कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा। यहां पढ़ें उनके ये प्रेरणादायक विचार:
बचन करकै पालना: अगर आपने किसी को वचन दिया है तो उसे हर कीमत में निभाना होगा।
किसी दि निंदा, चुगली, अतै इर्खा नै करना : किसी की चुगली व निंदा करने से हमें हमेशा बचना चाहिए और किसी से ईर्ष्या करने के बजाय परिश्रम करने में फायदा है।
कम करन विच दरीदार नहीं करना : काम में खूब मेहनत करें और काम को लेकर कोताही न बरतें।
गुरुबानी कंठ करनी : गुरुबानी को कंठस्थ कर लें।
दसवंड देना : अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान में दे दें


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