आइए जानते हैं इस साल में लगने वाले चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के बारे में,भारत में कब देख पाएंगे ये अद्भुत नजारा
धार्मिक मान्यताओं अनुसार ग्रहण शुभ नहीं माना जाता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। साल 2021 में कुल 4 ग्रहण लगेंगे। जिसमें पहला ग्रहण होगा चंद्र ग्रहण। जो 26 मई को लगेगा। वैसे तो ये पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा लेकिन भारत में लोग इसे उपच्छाया चंद्र ग्रहण के तौर पर देख पाएंगे। इस ग्रहण का अद्भुत नजारा पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका में दिखेगा। क्योंकि यहां के लोग पूर्ण चंद्र ग्रहण देख पाएंगे। वहीं इसी के 15 दिन बाद सूर्य ग्रहण भी लगेगा।
सूर्य ग्रहण की बात करें तो ये 10 जून को लगेगा। भारत में इस ग्रहण का आंशिक रूप दिखाई देगा। वहीं उत्तरी कनाडा, रूस और ग्रीनलैंड में सूर्य ग्रहण पूर्ण रूप में दिखाई देगा। उत्तरी अमेरिका के उत्तरी भाग, यूरोप और एशिया में आंशिक सूर्य ग्रहण लोग देख पाएंगे। ज्योतिष अनुसार इन दोनों ही ग्रहण का प्रभाव मानव समाज पर लंबे समय तक रहेगा।
धार्मिक मान्यताओं अनुसार ग्रहण शुभ नहीं माना जाता है। चाहे कोई भी ग्रहण हो उसमें शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है। ग्रहण काल के समय मन ही मन ईष्ट देव की अराधना करने की सलाह दी जाती है। पूजा पाठ जैसे धार्मिक कार्य भी ग्रहण काल में बंद कर दिये जाते हैं। खाने पीने की चीजों में ग्रहण शुरू होने से पहले ही तुलसी के पत्ते डालकर रख दिये जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि तुलसी के पत्ते डालने से ग्रहण से निकली ऊर्जा का नकारात्मक प्रभाव खाने पर नहीं पड़ता है
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। कहा जाता है कि ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। क्योंकि ग्रहण का बुरा प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ने के आसार रहते हैं। साथ ही किसी भी तरह की धारदार वस्तुओं का प्रयोग भी ग्रहण काल में निषेध माना गया है। ऐसा माना जाता है जो भी प्रेगनेंट महिला ग्रहण के समय नुकीली चीजों जैसे चाकू, सुई इत्यादि का इस्तेमाल करती है उसके शिशु के अंगों को हानि पहुंचने के आसार रहते हैं।
आपको बता दें कि साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को लगेगा। यह ग्रहण भारत, अमेरिका, उत्तरी यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर में देखा जाएगा। वहीं साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर को लगेगा जो अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा।