आइए जानते हैं कौन सी हैं ,वो राशियां जिनमें पड़ने वाली है शनि की दृष्टि, शनिवार को करें ये उपाय
शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में एक क्रूर ग्रह माना गया है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क । शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में एक क्रूर ग्रह माना गया है. कुंडली में बैठे शनि जब अशुभ होते हैं तो व्यक्ति का जीवन मुसीबत और कष्टों से भर देते हैं. इसीलिए शनि देव को शांत रखने पर जोर दिया जाता है. वर्तमान समय में 5 राशियों पर शनि की विशेष दृष्टि है. ये राशियों कौन सी हैं आइए जानते हैं-
मिथुन राशि
तुला राशि
धनु राशि
मकर राशि
कुंभ राशि
साढे़ साती और शनि की ढैय्या (Sade Sati and Dhaiya)
वर्तमान समय में तीन राशियों पर शनि की साढ़े साती और दो राशियों पर शनि की ढैय्या चल रही है. मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या. धनु, मकर और कुंभ राशि पर साढ़े साती चल रही है.
शनि इस वर्ष करने जा रहे हैं राशि परिवर्तन (Shani Transit 2022)
शनि की चाल की दृष्टि से वर्ष 2022 विशेष है. इस वर्ष शनि राशि परिवर्तन करेंगे. शनि जब भी राशि बदलते हैं तो इसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ता है. 2022 में शनि ढाई साल बाद अपनी राशि बदलने जा रहे हैं.
शनि राशि परिवर्तन कब है? (Shani Gochar 2022)
29 अप्रैल 2022 को शनि कुंभ राशि में प्रवेश करेगें. शनि के इस गोचर का सबसे ज्यादा प्रभाव कुंभ राशि के लोगों पर ही पड़ेगा. इसके अलावा मकर, मीन, कर्क और वृश्चिक राशियां भी शनि के इस गोचर से प्रभावित होंगी.
कुंभ राशि वाले सावधान रहें (Shani Transit 2022 in Aquarius)
शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही कुंभ वालों पर शनि साढ़े साती का दूसरा चरण शुरू हो जाएगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि की साढ़े साती का ये चरण सबसे कष्टदायी माना जाता है क्योंकि इस दौरान शनि साढ़े साती अपने चरम पर होती है. इस दौरान व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्टों का सामना करना पड़ता है.
शनि उपाय (Shani Upay)
पंचांग के अनुसार 15 जनवरी 2022, शनिवार का दिन विशेष है. इस दिन प्रदोष व्रत है. यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है. शनि देव को शास्त्रों में शिव भक्त बताया गया है. इसलिए शनि देव को प्रसन्न करने के लिए इस दिन उत्तम संयोग बना हुआ है. इस दिन मृगशिरा नक्षत्र रहेगा. शनिवार के दिन दोपहर 2 बजकर 31 मिनट तक ब्रह्म योग बना हुआ है. इसके बाद एंद्र योग आरंभ होगा. इन दोनों ही योग को पूजा के लिए उत्तम माना गया है. शनिवार के दिन शनि देव पर सरसों का तेल चढ़ान से शनि की अशुभता में कमी आती है. इस दिन शनि चालीसा और शनि मंत्रों का जाप उत्तम माना गया है.