आइए जानते हैं होलाष्टक में क्या काम करें और कौन से कार्य हैं वर्जित
हिन्दू धर्मशास्त्रों में होलाष्टक के दौरान कुछ कार्यों को करने की मनाही है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिन्दू धर्मशास्त्रों में होलाष्टक के दौरान कुछ कार्यों को करने की मनाही है और कुछ कार्यों को करना आवश्यक बताया गया है। वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होली के दिन से आठ दिन पूर्व का समय होलाष्टक कहलाता है। इस दौरान प्रकृति में कई प्रकार के बदलाव देखने को मिलते हैं। जिस कारण से होलाष्टक के दिनों में कई कार्यों को वर्जित बताया गया है और कई कार्य को शुभ और कल्याणकारी बताया जाता है। तो आइए जानते हैं होलाष्टक में क्या काम जरुर करें और वे कौन से कार्य हैं जिन्हें इस दौरान वर्जित माना जाता है।
होलाष्टक के दौरान करें ये काम
शास्त्रों के अनुसार, होलाष्टक के दौरान भले ही शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है, लेकिन होलाष्टक के आठ दिनों में आपको अपने आराध्यदेव की पूजा-अर्चना लगातार करते रहना चाहिए। क्योंकि होलाष्टक के दौरान किए गए व्रत आदि का पुण्य कहीं अधिक होता है। इसके साथ ही यदि आप होलाष्टक के इन आठ दिनों में धर्म कर्म के कार्य, वस्त्र, अनाज और अपनी इच्छा व सामर्थ्य के अनुसार जरुरमंदों को कुछ दान करते हैं तो आपको इसके शुभ फल प्राप्त होंगे।
होलाष्टक के दौरान क्या ना करें
फाल्गुन मास में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक लग जाएंगे। वहीं इस दौरान ग्रह अपना राशि परिवर्तन करते हैं, जिसके कारण इस समय विवाह, सगाई, मुंडन संस्कार जैसे शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। क्योंकि इन आठ दिनों में कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं होता है।
होलाष्टक के इन आठ दिनों में नया घर खरीदना, भूमि पूजन, और नए घर में प्रवेश करने जैसे कार्य भी नहीं करने चाहिए।
पौराणिक कथा के होलाष्टकों में अर्थात फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि प्रकृति में नकारात्मक ऊर्जा का संचार बहुत अधिक होता है। इसीलिए इस दौरान किसी भी तरह के नए काम, कारोबार आदि की शुरुआत नहीं करनी चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार, होलाष्टक के दौरान भले ही शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है, लेकिन होलाष्टक के आठ दिनों में आपको अपने आराध्यदेव की पूजा-अर्चना लगातार करते रहना चाहिए। क्योंकि होलाष्टक के दौरान किए गए व्रत आदि का पुण्य कहीं अधिक होता है। इसके साथ ही यदि आप होलाष्टक के इन आठ दिनों में धर्म कर्म के कार्य, वस्त्र, अनाज और अपनी इच्छा व सामर्थ्य के अनुसार जरुरमंदों को कुछ दान करते हैं तो आपको इसके शुभ फल प्राप्त होंगे।
होलाष्टक के दौरान क्या ना करें
फाल्गुन मास में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक लग जाएंगे। वहीं इस दौरान ग्रह अपना राशि परिवर्तन करते हैं, जिसके कारण इस समय विवाह, सगाई, मुंडन संस्कार जैसे शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। क्योंकि इन आठ दिनों में कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं होता है।
होलाष्टक के इन आठ दिनों में नया घर खरीदना, भूमि पूजन, और नए घर में प्रवेश करने जैसे कार्य भी नहीं करने चाहिए।
पौराणिक कथा के होलाष्टकों में अर्थात फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि प्रकृति में नकारात्मक ऊर्जा का संचार बहुत अधिक होता है। इसीलिए इस दौरान किसी भी तरह के नए काम, कारोबार आदि की शुरुआत नहीं करनी चाहिए।