आइए जानते हैं कि नए साल 2022 में कब- कब एकादशी व्रत है?
एक साल में 24 या 25 एकादशी व्रत होते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। साल 2021 का आखिरी एकादशी व्रत सफला एकादशी (Saphala Ekadashi) 30 दिसंबर दिन गुरुवार को है. उसके बाद एकादशी व्रत नए साल 2022 (New year 2022) में आएंगे. नए साल की पहली एकादशी पौष पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) है, जो 13 जनवरी दिन गुरुवार को है. पुत्रदा एकादशी व्रत करने और भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को पुत्र की प्राप्ति होती है. भगवान विष्णु की कृपा से लोगों को वंश वृद्धि का आशीष मिलता है. एकादशी व्रत करने से मोक्ष प्राप्त होता है और सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. जीवन सुखमय होता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. एक साल में 24 या 25 एकादशी व्रत होते हैं. आइए जानते हैं कि नए साल 2022 में कब कब एकादशी व्रत है?
नए साल 2022 के एकादशी व्रत
13 जनवरी, दिन: गुरुवार, पौष पुत्रदा एकादशी
28 जनवरी, दिन: शुक्रवार, षटतिला एकादशी
12 फरवरी, दिन: शनिवार, जया एकादशी
26 फरवरी, दिन: शनिवार, विजया एकादशी
14 मार्च, दिन: सोमवार, आमलकी एकादशी
28 मार्च, दिन: सोमवार, पापमोचिनी एकादशी
12 अप्रैल, दिन: मंगलवार, कामदा एकादशी
26 अप्रैल, दिन: मंगलवार, बरूथिनी एकादशी
12 मई, दिन: गुरुवार, मोहिनी एकादशी
26 मई, दिन: गुरुवार, अपरा एकादशी
10 जून, दिन: शुक्रवार, निर्जला एकादशी
24 जून, दिन: शुक्रवार, योगिनी एकादशी
10 जुलाई, दिन: रविवार, देवशयनी एकादशी
24 जुलाई, दिन: रविवार, कामिका एकादशी
08 अगस्त, दिन: सोमवार, श्रावण पुत्रदा एकादशी
23 अगस्त, दिन: मंगलवार, अजा एकादशी
06 सितंबर, दिन: मंगलवार, परिवर्तिनी एकादशी
21 सितंबर, दिन: बुधवार, इंदिरा एकादशी
06 अक्टूबर, दिन: गुरुवार, पापांकुशा एकादशी
21 अक्टूबर, दिन: शुक्रवार, रमा एकादशी
04 नवंबर, दिन: शुक्रवार, देवुत्थान एकादशी या देवउठनी एकादशी
20 नवंबर, दिन: रविवार, उत्पन्ना एकादशी
03 दिसंबर, दिन: शनिवार, मोक्षदा एकादशी
19 दिसंबर, दिन: सोमवार, सफला एकादशी
साल भर के इन एकादशी व्रत में देवशयनी एकादशी और देवउठनी एकादशी बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु योग निद्रा में चार माह के लिए चले जाते हैं, इस वजह से चातुर्मास लग जाता है. मांगलिक कार्य चातुर्मास में नहीं होते हैं. देवउठनी एकादशी के दिन जब श्रीहरि योग निद्रा से बाहर आते हैं तो फिर से मांगलिक कार्य शुरु होते हैं और चातुर्मास का समापन हो जाता है.