आइए जानते हैं कि ​दीपक के कितने प्रकार होते हैं? पूजा में दीपक या दीया का विशेष महत्व

हिन्दू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा में दीपक या दीया का विशेष महत्व होता है

Update: 2022-03-05 02:29 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिन्दू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा में दीपक या दीया का विशेष महत्व होता है. उस दीप में कौन सा तेल डाला जाए और कौन सी बत्ती का प्रयोग करें, इस बात का भी ध्यान रखा जाता है. पूजा में हम अखंड दीप (Akhand Deep) जलाते हैं, तो सुबह-शाम की दैनिक पूजा में भी दीप जलाते हैं, आरती के लिए भी दीपक का प्रयोग होता है. ये दीपक आटे, मिट्टी, पीतल, अष्टधातु या स्टील के बनाए जाते हैं. कुछ देवी-देवताओं के लिए विशेष प्रकार के दीपक जलाने होते हैं. दीपक में लगाई जाने वाली बत्तियों से देवताओं का संबंध होता है. आइए जानते हैं कि ​किस देवी-देवता के लिए कौन सा दीपक जलाएं और दीपक के कितने प्रकार (Types Of Deepak) होते हैं?

दीपक के प्रकार
1. एक मुखी दीपक: इस दीपक का प्रयोग अपने इष्ट देव की पूजा के लिए करते हैं. इसमें एक बत्ती का प्रयोग करते हैं. इसमें गाय का घी या तिल के तेल का उपयोग करते हैं. आरती के लिए भी इस दीपक का उपयोग होता है.
2. दो मुखी दीपक: दो बत्ती वाले इस दीपक की पूजा मां दूर्गा को प्रसन्न करने के लिए करते हैं.
3. तीन मुखी दीपक: विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की पूजा में तीन बत्ती वाले दीपक का प्रयोग करना चाहिए. इससे गणेश जी प्रसन्न होते हैं.
4. चौमुखी दीपक: चार बत्ती वाले इस दीपक का उपयोग बाबा काल भैरव की पूजा में करते हैं. इसमें सरसों का तेल डालते हैं.
5. पंचमुखी दीपक: शिव पुत्र भगवान कार्तिकेय की पूजा के लिए पांच बत्ती वाले दीपक का उपयोग किया जाता है. इससे कोर्ट केस आदि में विजय मिलती है.
6. सात मुखी दीपक: धन, संपदा और वैभव की देवी माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के सात बत्तियों वाले दीपक का उपयोग करते हैं. माता लक्ष्मी की पूजा में सात मुखी दीपक जलाना चाहिए.
7. आठ मुखी या बारह मुखी दीपक: देवों के देव महोदव को प्रसन्न करने के लिए 8 बत्ती या 12 बत्ती वाले दीपक का उपयोग किया जाता है.
8. सोल​​ह मुखी दीपक: जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा में 16 मुखी यानी 16 बत्तियों वाला दीपक जलाया जाता है.
धर्म शास्त्रों में दीपक को जलाने के लिए गाय के घी या फिर तिल के तेल का उपयोग करने की बात कही गई है. हालांकि देवों के प्रिय वस्तुओं या ग्रहों से संबंधित तेलों का उपयोग भी दीपक जलाने में होता है.
घी का दीपक: सुख-समृद्धि के लिए घी का दीपक जलाया जाता है. इस दीपक को आप प्रत्येक दिन जला सकते हैं. हर देवी देवता की पूजा में घी का दीपक जला सकते हैं.
​तिल के तेल का दीपक: शनि देव की पूजा में इस दीपक को जलाते हैं. हालांकि आप तिल के तेल का उपयोग अन्य देवी देवाताओं की पूजा में भी कर सकते हैं.
सरसों के तेल का दीपक: सूर्य देव और काल भैरव की पूजा में इस दीपक का उपयोग करते हैं.
चमेली के तेल का दीपक: संकटमोचन हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए चमेली के तेल वाला दीपक जलाया जाता है.


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