आइए जानते हैं रात के भिन्न प्रहर में आने वाले स्वप्न संकेतों के बारे में

सपने अवचेतन मन में चल रहे विचारों के अलावा भविष्य की घटनाओं का भी इशारा देते हैं। स्वप्न शास्त्र में हर तरह के सपने के शुभ-अशुभ मतलब बताए गए हैं।

Update: 2022-01-23 05:48 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Swapna Shastra: आप में से कई लोग सुबह के स्वप्न के बारे में जानकारी तो रखते होंगे लेकिन दोपहर या रात का स्वप्न आपको क्या संकेत देता है इसकी जानकारी लोगों के पास शायद ही हो। शास्त्रों में अलग-अलग प्रहर में देखे गए सपनों के बारे में जानकारी दी गई है।

Swapna Shastra: सपने अवचेतन मन में चल रहे विचारों के अलावा भविष्य की घटनाओं का भी इशारा देते हैं। स्वप्न शास्त्र में हर तरह के सपने के शुभ-अशुभ मतलब बताए गए हैं। कुछ सपने ऐसे होते हैं, जिनका आना जिंदगी में सुख-संपत्ति, वैभव-ऐश्वर्य आने का साफ संकेत होता है। स्वप्न शास्त्र में सुबह के समय दिखने वाले सपनों को लेकर ऐसा बताया गया है कि ये अक्सर सच हो जाते हैं। वहीं, इसमें न सिर्फ सुबह दिखने वाले सपने बल्कि रात में दिखने वाले सपनों के बारे में भी बताया गया है। आप में से कई लोग सुबह के स्वप्न के बारे में जानकारी तो रखते होंगे लेकिन दोपहर या रात का स्वप्न आपको क्या संकेत देता है इसकी जानकारी लोगों के पास शायद ही हो। शास्त्रों में अलग-अलग प्रहर में देखे गए सपनों के बारे में जानकारी दी गई है। आइए जानते हैं रात के भिन्न प्रहर में आने वाले स्वप्न संकेतों के बारे में-
ऐसे स्वप्न होते हैं सच
स्वप्न किसी भी प्रहर में देखे गए हों इनमें से कुछ सच होते हैं और कुछ नहीं। हम इसे ऐसे भी कह सकते हैं कि कुछ सपने फल देते हैं और कुछ सपनों का कोई परिणाम नहीं होता। स्वप्न शास्त्र के मुताबिक सपने देखने का समय बताता है कि वह हकीकत में बदलेगा या नहीं।
रात के 10 बजे से 12 बजे के बीच देखे गए सपने कोई फल नहीं देते हैं। आमतौर पर यह सपने दिन में हुई घटनाओं का ही दिमाग पर असर होता ह।
रात 12 बजे से 3 बजे के बीच देखे गए सपने सच हो सकते हैं लेकिन उन्हें सच होने में अमूमन 1 साल तक का समय लग जाता है.
वहीं ब्रह्म मुहूर्त यानि कि सुबह 3 बजे से 5 बजे के बीच देखे गए ज्यादातर सपने सच हो जाते हैं। ये 1 से 6 महीनों के बीच फल देते हैं।
दोपहर में देखे गए सपनों का कोई मतलब नहीं है क्योंकि यह सच नहीं होते हैं।
क्यो होते हैं सुबह के सपने सच
सुबह का समय वो समय होता है जब व्यक्ति अपनी आत्मा के बहुत करीब होता है। साथ ही इस समय दैवीय शक्तियां सक्रिय होती हैं और उसका असर पृथ्वी की हर जीव-निर्जीव चीज पर पड़ता है। इसलिए ब्रह्म मुहूर्त में जागने और भगवान की आराधना करने के लिए कहा जाता है।


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