जानें भगवान श्री राम के नवमी तिथि की खास 5 बातें
चैत्र नवरात्रि में कई घरों में नवमी को दुर्गा माता की पूजा होती है।
चैत्र नवरात्रि में कई घरों में नवमी को दुर्गा माता की पूजा होती है। इस दिन राम नवमी भी होती हैं। रामनवमी को भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। आओ जानते हैं कि राम नवमी तिथि के बारे में पांच खास बातें।
1. नवमी तिथि चन्द्र मास के दोनों पक्षों में आती है। इस तिथि की स्वामिनी देवी माता दुर्गा है। यह तिथि रिक्ता तिथियों में से एक है। रिक्ता अर्थात खाली। इस तिथि में किए गए कार्यों की कार्यसिद्धि रिक्त होती है। यहीं कारण है कि इस तिथि में समस्त शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं। मात्र माता या श्रीराम की पूजा ही फलदायी होती है।
2. यह तिथि चैत्रमाह में शून्य संज्ञक होती है और इसकी दिशा पूर्व है। शनिवार को सिद्धदा और गुरुवार को मृत्युदा मानी गई है। अर्थात शनिवार को किए गए कार्य में सफलता मिलती है और गुरुवार को किए गए कार्य में सफलता की कोई गारंटी नहीं। इस बार राम नवमी या दुर्गा नवमी बुधवार 21 अप्रैल 2021 को है।
3. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को राम नवमी के रूप में उत्साह और हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम का पूजन और वंदन करने से सुख, समृद्धि और शांति बढ़ती है। साथ ही संतान सुख की प्राप्ति होती है।
4. नवमी के दिन लौकी खाना निषेध है, क्योंकि इस दिन लौकी का सेवन गौ-मांस के समान माना गया है।
5. इस दिन कड़ी, पूरणपौल, खीर, पूरी, साग, भजिये, हलवा, कद्दू या आलू की सब्जी बनाई जा सकती है। माता दुर्गा और श्रीराम को भोग लगाने के बाद ही भोजन किया जाता है।