जानें राखी बांधने की सही और संपूर्ण विधि
रक्षाबंधन (Rakshabandhan) भाई-बहन के अटूट प्रेम का त्योहार है, जिसका हर भाई-बहन बेसब्री से इंतजार करते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रक्षाबंधन (Rakshabandhan) भाई-बहन के अटूट प्रेम का त्योहार है, जिसका हर भाई-बहन बेसब्री से इंतजार करते हैं. यह पवित्र त्योहार हर साल सावन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल रक्षाबंधन 11 अगस्त को धूमधाम से मनाया जाएगा. रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई में राखी बांधती हैं और भाइयों की लंबी उम्र के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं, वहीं भाई अपनी बहन को रक्षा करने का वचन देता है. रक्षाबंधन के दिन विधि विधान से पूजा करके भाई के हाथों में राखी बांधी जाती है. आइए जानते हैं पंडित इंद्रमणि घनस्याल से कि किस तरह से राखी बांधी जाए व राखी बांधते समय किस मंत्र का जाप करना उचित रहेगा.
इस दिशा में बैठकर बंधवाएं राखी
पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि भाइयों के हाथों में रक्षा सूत्र यानी राखी बांधते समय भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके बैठना चाहिए व पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर पीठ करनी चाहिए. इसके अलावा राखी बांधते समय सिर में कोई ना कोई कपड़ा जरूर रखें. खाली सिर से राखी मत बंधवाएं. ऐसा करना अशुभ माना जाता है. सिर में कोई भी साफ कपड़ा व रुमाल रखकर ही तिलक, आरती करें व हाथों में रक्षा सूत्र बांधवाएं.
ये है शुभ मुहूर्त
बहनें अपने भाइयों को राखी 11 अगस्त 04:26 पीएम से अगले दिन 12 अगस्त को सुबह 05:58 तक बांध सकती हैं.
राखी बांधने के लिए इस मंत्र का करें जाप
येन बद्धो बलि: राजा दानवेंद्रो महाबल:।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।
ॐ व्रतेन दीक्षामाप्नोति, दीक्षयाऽऽप्नोति दक्षिणाम् ।
दक्षिणा श्रद्धामाप्नोति, श्रद्धया सत्यमाप्यते ॥
भाई को तिलक लगाते समय यह मंत्र पढ़ें
ॐ चन्दनस्य महत्पुण्यं, पवित्रं पापनाशनम् ।
आपदां हरते नित्यम्, लक्ष्मीस्तिष्ठति सर्वदा ॥