श्रावण कृष्ण पक्ष के आखिरी पांच दिन:13 से 17 जुलाई तक हर दिन रहेगा कोई व्रत या पर्व, 18 तारीख से शुरू होगा अधिकमास
श्रावण कृष्ण पक्ष के आखिरी पांच दिन:13 से 17 जुलाई
श्रावण कृष्ण पक्ष के आखिरी पांच दिन व्रत-उपवास और पूजा-पाठ के नजरिये से बहुत खास रहेंगे। इनमें सावन की एकादशी और द्वादशी भगवान विष्णु की पूजा के लिए बहुत खास दिन रहेंगे। वहीं, शनिवार को सावन का प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है।
सावन महीने के चलते रविवार को सूर्य का राशि परिवर्तन होगा। इस दिन कर्क संक्रांति मनेगी। वहीं, सोमवार को हरियाली अमावस्या होने से सोमवती अमावस्या का शुभ संयोग रहेगा। इन दोनों दिनों में किया गया स्नान-दान अक्षय पुण्य देने वाला होगा। इनके बाद मंगलवार से अधिकमास शुरू होगा।
13 जुलाई, गुरुवार: सावन की एकादशी
सावन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी कहा जाता है। इस तिथि पर श्रीकृष्ण का अभिषेक करने के बाद मंजरी के साथ तुलसीदल अर्पित करें। भगवान विष्णु को पसंद फूल चढ़ाएं। नैवेद्य लगाएं। घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं। जो दिन रात जलता रहे।
14 जुलाई, शुक्रवार: सावन की द्वादशी तिथि
महाभारत के आश्वमेधिक पर्व में कहा गया है कि श्रावण महीने में द्वादशी तिथि को उपवास करके जो श्रीधर नाम से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से पंचयज्ञों का पुण्य फल मिल जाता है। इस दिन शहद मिले दूध से भगवान का अभिषेक करना चाहिए। इसके बाद भगवान के पसंदीदा फूल और पूजन सामग्री से पूजा करनी चाहिए। दिनभर व्रत रखकर अगले दिन व्रत खोलना चाहिए।
15 जुलाई, शनिवार: सावन का शनि प्रदोष
शिवपुराण के अनुसार शिवजी की प्रिय तिथि होने से प्रदोष में की गई शिव पूजा का विशेष फल मिलता है। भगवान शिव ही शनि देव के गुरू हैं, इसलिए सावन महीने में शनिवार के दिन शिव पूजा करने से शनि दोष से होने वाली तकलीफों से राहत मिलती है। शनि प्रदोष के दिन व्रत, पूजा, दान करने से सुख और सौभाग्य बढ़ता है।
16 जुलाई, रविवार: कर्क संक्रांति और श्रावण शिवरात्रि
इस दिन सावन महीने के रविवार को सूर्य के राशि परिवर्तन का संयोग बन रहा है। इस दिन श्रावण महीने की शिवरात्रि भी है। इन दो पर्व का संयोग सालों में एक बार बनता है। शिव पुराण के मुताबिक सावन महीने के दौरान जब सूर्य कर्क राशि में होता है तब की गई शिव पूजा का पुण्य और बढ़ जाता है। संक्रांति के साथ शिवरात्रि का शुभ संयोग होने से इस दिन की गई पूजा का पुण्य कभी खत्म नहीं होता।
17 जुलाई, सोमवार: हरियाली और सोमवती अमावस्या
ये सावन महीने के कृष्ण पक्ष का आखिरी दिन होगा। इस दिन सोमवार होने से ये महापर्व हो जाएगा। सावन में सोमवती अमावस्या के संयोग में किया गया स्नान-दान अक्षय पुण्य देने वाला होता है। इस दिन शिव पूजन करने से आरोग्य, समृद्धि और उम्र बढ़ती है। सावन महीने की अमावस्या होने से इस दिन किए गए श्राद्ध से पितरों को संतुष्टि मिलती है।