Lakshmi Narayan Aarti : शुक्रवार के दिन ये काम महालक्ष्मी होंगी प्रसन्न

Update: 2024-05-31 10:52 GMT
Astrology News  : सनातन धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी देवता की साधना आराधना को समर्पित होता है वही शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी की पूजा के लिए श्रेष्ठ माना गया है इस दिन भक्त देवी मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करते हैं और दिनभर उपवास भी रखते हैं
 माना जाता है कि ऐसा करने से लक्ष्मी की कृपा बरसती है लेकिन इसी के साथ ही अगर हर शुक्रवार के दिन लक्ष्मी पूजन के समय उनकी प्रिय आरती का पाठ भक्ति भाव से किया जाए तो देवी मां शीघ्र प्रसन्न हो जाती है और अपने भक्तों पर कृपा करती है साथ ही साधक की सारी मनोकामनाओं को भी पूरा कर देती है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं मां लक्ष्मी की प्रिय आरती।
 श्री लक्ष्मीनारायण आरती
ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा।
सत्य नारायण स्वामी, जन पातक हरणा।।
ॐ जय लक्ष्मी रमणा...
रतन जड़ित सिंहासन, अद्भुत छवि राजे।
नारद करत निरंतर, घंटा ध्वनि बाजे।।
ॐ जय लक्ष्मी रमणा...
प्रगट भए कलि कारण, द्विज को दरश दियो।
बूढो ब्राह्मण बनकर कंचन महल कियो।।
ॐ जय लक्ष्मी रमणा...
दुर्बल भील कराल जिन पर कृपा करी।
चंद्रचूड़ एक राजा जिनकी विपति हरी।।
ॐ जय लक्ष्मी रमणा...
वैश्य मनोरथ पायो श्रद्धा तज दिनी।
 सो फल भोग्यो प्रभुजी, फिर स्तुति किन्ही।।
ॐ जय लक्ष्मी रमणा...
भाव भक्ति के कारण, छिन-छिन रूप धरयो।
श्रद्धा धारण किन्ही तिनको काज सरयो।।
ॐ जय लक्ष्मी रमणा...
ग्वाल बाल संग राजा वन में भक्ति करी ।
मन वांछित फल दीन्हो, दीन दयाल हरी।।
ॐ जय लक्ष्मी रमणा...
चढ़त प्रसाद सवायो कदली फल मेवा ।
धूप दीप तुलसी से राजी सत्यदेव।।
ॐ जय लक्ष्मी रमणा...
श्री सत्यनारायण जी की आरती जो कोई नर गावे।
तन मन सुख सम्पति, मन वांक्षित फल पावे।।
ॐ जय लक्ष्मी रमणा...
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