लक्ष्मी जी को बेहद प्रिय है श्रीयंत्र...इस तरह करें श्रीयंत्र की पूजा साथ ही घर में सुख-संपत्ति की प्राप्ति होगी
आज शुक्रवार है यानी मां लक्ष्मी का दिन। मान्यता है कि मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए श्रीयंत्र का सरल पूजन विधान है।
लक्ष्मी जी को बेहद प्रिय है श्रीयंत्र...इस तरह करें श्रीयंत्र की पूजा साथ ही घर में सुख-संपत्ति की प्राप्ति होगी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आज शुक्रवार है यानी मां लक्ष्मी का दिन। मान्यता है कि मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए श्रीयंत्र का सरल पूजन विधान है। इसकी मदद से व्यक्ति को विशेष लाभ प्राप्त होता है। वैसे तो श्रीयंत्र की पूजा किसी भी दिन की जा सकती है लेकिन अगर शुक्रवार के दिन इसकी पूजा की जाए तो यह काफी शुभ फल प्रदान करता है। यह तांबे, चांदी और सोने में से किसी भी धातु का बनाया जा सकता है। ये तीनों ही शुभ होते हैं। कहा जाता है कि श्रीयंत्र मां लक्ष्मी का सबसे प्रिय यंत्र है। इसकी पूबजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती हैं। इससे घर में सुख-संपत्ति, सौभाग्य और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। हालांकी, श्रीयंत्र की पूजा करने से पहले कुछ बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है।
इस तरह करें श्रीयंत्र की पूजा:
जिस श्रीयंत्र की प्राण-प्रतिष्ठा कराई गई हो उसकी ही पूजा करें।
श्रीयंत्र की प्राण-प्रतिष्ठा किसी भी मंदिर, योग्य और सिद्ध ब्राह्मण, ज्योतिष या तंत्र विशेषज्ञ से कराई जा सकती है।
श्रीयंत्र की पूजा सुख-शांति के भाव से करें न कि लोभ के भाव से।
शुक्रवार को सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर एक थाली में लाल कपड़ा रखें और इस पर श्रीयंत्र स्थापित करें।
श्रीयंत्र को पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और शक्कर) से स्नान कराएं और फिर गंगाजल से भी स्नान कराएं।
फिर लाल चंदन, लाल फूल, अबीर, मेंहदी, रोली, अक्षत, लाल दुपट्टा अर्पित करें।
श्रीयंत्र को मिठाई का भोग लगाएं। इनकी आराधना धूप, दीप, कपूर से करें।
श्रीयंत्र के सामने लक्ष्मी मंत्र, श्रीसूक्त या दुर्गा सप्तशती जैसे देवी के किसी भी श्लोक का पाठ करें।
श्रीयंत्र की पूजा करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान:
शुभ मुहूर्त देखकर ही श्रीयंत्र को घर में स्थापित करें। इसे भगवान मानकर ही इसकी पूजा करें।
श्रीयंत्र की पूजा करने के दौरान यह ध्यान रखे कि व्यक्ति मदिरा, मांस और अभद्र भाषा का इस्तेमाल न करें। इससे लाभ नहीं मिलता है।
अगर श्रीयंत्र आपने घर में स्थापित कर लिया है तो आपको रोजाना उसका जाप करना होगा।
रोजाना इसकी पूजा करें। ऐसा न करने पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकते हैं।
श्रीयंत्र की पूजा में स्वच्छ्ता का पूरा ध्यान रखना बेहद आवश्यक है।
श्रीयंत्र की पूजा के दौरान व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है। लेकिन इसका प्रचान न करें।
जो व्यक्ति पूजा कर रहा है वो बिना नमक का भोजन ग्रहण करें।
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