Labh Panchami 2020: लाभ पंचमी व्रत करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूर्ण होती है,लाभ पंचमी की तिथि, महत्व और पूजन विधि

आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को लाभ पंचमी का पूजन किया जाता है।

Update: 2020-11-19 10:09 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को लाभ पंचमी का पूजन किया जाता है। दिवाली पर मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए उनकी पूजा की जाती है। यही पूजा लाभ पंचमी या लाभ पंचम पर्व तक चलती है। इस तिथि पर मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि लाभ पंचमी की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। आइए जानते हैं लाभ पंचमी की तिथि, महत्व और पूजन विधि।

लाभ पंचमी का शुभ मुहूर्त:

पूजा मुहूर्त/समय- 19 नवंबर, गुरुवार सुबह 6:51 से 10:21 बजे तक

पूजा का कुल समय- 3 घंटे 30 मिनट

लाभ पंचमी का महत्व:

लाभ पंचमी का पूजन करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूर्ण होती है। यह सौभाग्य वर्धन करने वाला दिन माना गया है। इसे केवल लाभ पंचमी ही नहीं बल्कि ज्ञान पंचमी भी कहा जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी के साथ गणेश जी की पूजा भी की जाती है।

लाभ पंचमी की व्रत विधि:

इस दिन सुबह उठ जाएं और प्रात:काल स्नान करें। फिर सूर्यदेव का जल दें। फिर भगवान गणेश और मां लक्ष्मी जी की प्रतिमाओं के समक्ष बैठें। फिर गणपति जी को चंदन, सिंदूर, अक्षत, फूल, दूर्वा आदि अर्पित करें। इसके बाद मां लक्ष्मी को गुलाब अर्पित करें। मां लक्ष्मी को लाल वस्त्र, इत्र, फल आदि भी अर्पित करें।

भगवान गणेश व मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप विधिवत करें। साथ ही सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाएं। इस दिन व्यक्ति को दिनभर व्रत करना होगा। फिर अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत तोड़ें। आप अपने सामर्थ्यनुसार दान करें। सौभाग्य प्राप्ति के लिए इस दिन विवाहित महिलाओं को भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करनी चाहिए।

डिसक्लेमर

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