बचपन से ही पढ़ने-लिखने में रुचि
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कृतिका नक्षत्र का कुछ अंश मेष और शेष वृषभ राशि में आता है। अर्थात इस नक्षत्र के पहले चरण में जन्मे लोगों की राशि मेष होती है, जिसके स्वामी मंगल हैं और शेष तीन चरणों में जन्म लेने वालों की राशि वृषभ होती है, जिसके स्वामी शुक्र हैं। कृतिका नक्षत्र का वर्ण वैश्य, महावैर योनि वानर, वश्य चतुष्पद, गण राक्षस, योनि मेढ़ा है। इस तरह जातक पर मंगल, सूर्य और शुक्र का जीवनभर प्रभाव रहता है। इस नक्षत्र के स्वामी सूर्य हैं, जिसकी वजह से बचपन से ही पढ़ने-लिखने में अधिक रुचि होती है और उच्च शिक्षा के लिए सभी अड़चनों को दूर कर कई विषयों के ज्ञाता कहलाते हैं।
कार्य के प्रति ईमानदार
कृतिका नक्षत्र के लोगों में आत्मसम्मान का ज्यादा भाव होता है और इनको जल्दी किसी पर भरोसा नहीं होता। साथ ही इनको खाने-पीने का काफी शौक होता है और इनका रूझान रचनात्मक कार्यों जैसे गायन, नृत्यकला, सिनेमा आदि के प्रति अधिक रहता है। इनके अंदर धन कमाने की अद्भुत योग्यता होती है और कड़ी मेहनत से अपने मुकाम को हांसिल करते हैं। जीवन में प्रगति के लिए यह जीरो से शुरू करते हैं और शिखर तक पहुंचते हैं। काम के प्रति हमेशा बफादार होते हैं और समय पर काम करने की आदत के चलते कार्यक्षेत्र में हर कोई इनका सम्मान करता है। लक्ष्य के लिए कड़ा परिश्रम करना इनकी आदत होती है।
परिवार के प्रति जिम्मेदार
कृतिका नक्षत्र के लोग जल्दी किसी रिश्ते में बंधते लेकिन जब इनको कोई पसंद आ जाए तो जिंदगी भर उसका साथ देते हैं। उदार स्वभाव होने के कारण अपने पार्टनर के प्रति पूरी तरह ईमानदार होते हैं और हर समस्या में उनका साथ देते हैं। यह विवाह अपनी मर्जी से करना पसंद करते हैं, किसी के दवाब में आकर इनसे विवाह नहीं कराया जा सकता। इनके अंदर हर किसी से रिश्ता बनाने का हुनर है। परिवार के प्रति पूरी जिम्मेदार होते हैं और हर सदस्य की जरूरतों का पूरा ध्यान रखते हैं। यह बहुत छोटी उम्र से ही बड़ी जिम्मेदारियों वाला काम करते हैं और कुंटुब में इनकी अलग पहचान होती है। बड़ी से बड़ी समस्याओं में भी निडर होकर खड़े रहते हैं और धैर्य से उनको खत्म करते हैं। नकारात्मक विचारों से दूर रहना इनको पसंद है।
घूमने-फिरने के शौकिन
कृतिका नक्षत्र के लोग अपने कार्य को हमेशा प्रसारित करते रहते हैं और अपने काम का क्षेत्र भी बढ़ाते रहते हैं, जिससे इनका सामाजिक क्षेत्र काफी बड़ा होता है और इसके चलते बड़े लोगों से इनकी जान-पहचान होती रहती है। हालांकि यह लोग कंजरवेटिव प्रवत्ति होते हैं अर्थात पुरानी मान्यताओं के प्रति इनका लगाव रहता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाली महिलाएं माता-पिता की अकेली संतान होती हैं या फिर भाई-बहन होते हुए भी उनके प्यार से वंचीत रहती हैं। इस नक्षत्र के जातक का भाग्योदय जन्म स्थान से दूर होता है इसलिए इनको यात्रा करना बहुत पसंद है। ये ज्यादातर मित्रों के साथ और प्रियजनों के साथ बाहन घूमने का प्लान बनाते रहते हैं।
इन चीजों के लिए रहें सावधान
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कृतिका नक्षत्र के लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जब भी वह किसी अजनबी से बात करें तो बहुत सभ्य दिखें। काम के प्रति दवाब के चलते इनके व्यवहार में रुखापन देखने को मिलता है, जिससे इनको कई बार नुकसान उठाना पड़ सकता है। साथ ही अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी सचेत रहना चाहिए और छोटी से छोटी बीमारियों को भी डॉक्टर को दिखाते रहना चाहिए। इनको नाक संबंधित रोग होने की अधिक आशंका बनी रहती है। भोजन के प्रति असावधानी रोग का कारण बनती है।