Krishna Janmashtami 2021: भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन मनाई जाती है कृष्ण जन्माष्टमी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है. इस बार जन्माष्टमी 30 अगस्त 2021, सोमवार को पड़ रही है

Update: 2021-08-19 16:22 GMT

Krishna Janmashtami 2021: भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है. इस बार जन्माष्टमी 30 अगस्त 2021, सोमवार को पड़ रही है. मंदिरों में अभी से ही कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू हो गई हैं. कृष्ण जी के जन्म स्थान ब्रज के वृंदावन में भी जन्माष्टमी की तैयारीयां जोरो-शोरों से ;ल रही हैं. यहां लड्डू गोपाल की पोशाक और पीतल के लड्डू गोपाल बनाने के लिए कारीगकर दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. बाजार इन दिनों कान्हा जी की पोशाक से सजे दिख रहे हैं. कहते हैं कि लड्डू गोपाल को जेवर पहनना बहुत पंसद था, इसलिए भक्त इस दिन हर वो चीज उनके आगे रखते हैं या उन्हें पहनाते हैं, जो भगवान कृष्ण जी को पसंद थी.

अष्टमी के दिन जन्में भगवान कृष्ण को विष्णु जी का ही अवतार माना जाता है. इस दिन भक्त पूरा दिन उपवास करते हैं. रात के 12 बजे तक भगवान कृष्ण जी का जागरण, भजन, पूजन-अर्चना करते हैं. जन्माष्टमी के दिन भक्त अपने घरों में कान्हा जी का पालना सजाते हैं. उस पर उन्हें बैठाते हैं और उसे फूलों और गुब्बारों से सजाते हैं. कान्हा जी कि फैंसी पोशाक पहनाते हैं, जेवर पहनाकर सजा कर पालने में झूलाते हैं.
हिंदू धर्म में इस व्रत का काफी महत्व है. कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर मान्यता है कि अगर निसंतान दंपति जन्माष्टमी का व्रत रखते हैं, तो बहुत जल्द ही उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है. कहते हैं कि जन्माष्टमी के व्रत को अगर पूरे विधि-विधान के साथ किया जाता है, तो व्रत करने वाले की मनोकामना जरूर पूरी होती है. ज्योतिष के अनुसार भी इस दिन का खास महत्व होता है. कहा जाता है कि जिनकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर स्थिती में होता है, उनके लिए ये व्रत बहुत लाभकारी होता है. इतना ही नहीं, अविवाहित लड़कियों के लिए भी इस व्रत का खास महत्व है. अगर उनके विवाह में कोई अड़चन आ रही हो तो वे भी लड्डू गोपाल के लिए व्रत रखकर झुला झुलाती हैं. इससे उनके विवाह का संयोग जल्दी बन जाता है.
हिंदू पंचाग के अनुसार इस साल कृष्ण जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त 29 अगस्त, रविवार को रात 11:25 से शुरू होकर 30 अगस्त, सोमवार रात 1:59 तक रहेगा. यही नहीं, पूजन का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त को रात 11:59 से देर रात 12:44 तक रहेगा. अतः रोहिणी नक्षत्र की शुरुआत 30 अगस्त, सुबह 6:39 से होकर 31 अगस्त सुबह 9:44 तक रहेगा.


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